कब्रिस्तान बनता जा रहा जिला कारागार
कब्रिस्तान बनता जा रहा जिला कारागार
फिर एक बन्दी ने तोड़ा दम, दो माह में हुईं तीन मौतें
जेल में फिर मचा हड़कम्प, हृदय बीमारी से ग्रसित था बंदी
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। यूं तो जिला कारागार में बीमारियों से बंदियों का मरना कोई नई बात नहीं है किन्तु कारागार में दो माह के अंदर लगातार अब तक में तीन मौतों ने जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। कई बार तो मृतक बंदियों के परिजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप भी लगाया था। ऐसे में यह कहना कोई गलत नहीं है कि जिला कारागार में हो रही मौतों से कब्रिस्तान बनता जा रहा है। अभी चंद दिन ही बीते होंगे की अब मंगलवार को जिला कारागार में इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक बंदी ने दम तोड दिया। हालाँकि मृतक बंदी कुछ दिनों से हृदय रोग से ग्रसित बताया जा रहा है।
दरअसल रिंकू नाम का कैदी पिछले दस वर्षों से हत्या के आरोप में जिला कारागार में बंद चल रहा था। मृतक कैदी पिछले कुछ महीनों से हृदय की गति से पीड़ित था। मंगलवार को अचानक उसकी हालत बिगड गई आनन फानन में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया जहां उसने दम तोड दिया जिससे जेल प्रशासन के हांथ पैर फूल गये। शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हो कुछ भी किंतु लगातार जिला कारागार में हो रही मौतों से कहीं न कहीं इलाज व लापरवाही को साफ तौर से जेल प्रशासन की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर रही है।
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