शिवमंगल अग्रहरि
चित्रकूट। मुख्यालय से सटे चक माली अमानपुर में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य अंबिका प्रसाद पाण्डेय श्री सुभाष इंटर कॉलेज इन्टवा के यहां चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आखिरी दिन श्री धाम वृंदावन से आए कथा व्यास पंडित मुकेश कृष्ण महाराज द्वारा श्रीकृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया।
आज आखिरी दिन सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास पंडित मुकेश कृष्ण महाराज ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाती है, यह भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुदामा गरीबी का दंश इतना झेलते है कि कई दिन उनका परिवार भूखे ही सो जाते है। तभी उनकी पत्नी ने कहा था कि एक माह दो एकादशी होय। मेरे घर गोपाल प्रभु नित्य एकादशी होय। ब्यास जी बताया कि सुदामा जी अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र सखा कृष्ण से मिलने के लिए द्वारका पहुंचे।
उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब सुदामा ने द्वारपालो से कहा कि वह कृष्ण के बाल सखा सुदामा है। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु कृष्ण से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है और अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे।
सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने सुदामा को अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया। इसके बाद श्रीकृष्ण दामा को अपने महल ले गए उनका अभिनंदन किया। इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गये। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की। इसके बाद पांडेय परिवार द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर पांडेय परिवार के सदस्यों के साथ-साथ तमाम श्रोतागण और गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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