जनता व किसानों को भड़काने की ओछी राजनीति में लगी नेता पुत्रों की ‘फौज’ | #TejasToday

जनता व किसानों को भड़काने की ओछी राजनीति में लगी नेता पुत्रों की ‘फौज’ | #TejasToday

अजय कुमार, लखनऊ
चंद राजनैतिक दलों के नेताओं और कुछ किसान नेताओं की हठधर्मी और जुगलबंदी ने देश और मोदी सरकार के लिए संकट खड़ा कर दिया है। महामारी के इस दौर में भी यह लोग अपनी जहरीली जुबान बंद रखने को तैयार नहीं है। महामारी के इस दौर में जब इन नेताओं को देश की जनता में विश्वास पैदा करने के लिए काम करना चाहिए था, तब यह जनता को बरगलाने और भड़काने में लगा है। झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। यह वह नेता हैं जिन्हें जनता बार-बार ठुकरा चुकी है। इसमें बड़ी जमात अपने जमाने के दिग्गज नेताओं के उन पुत्रों की भी है जो कभी जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाएं। यह वह नेता हैं जो अपने आपको महाज्ञानी समझते हैं जबकि इनके पास बेसिक जानकारी भी नहीं रहती है। इन नेता पुत्रों ने राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया है कि जब भी यह मुंह खोलते है ‘जहर’ ही उगलते र्है।राहुल गांधी तो इस खेल में बदनाम हैं ही, बहन प्रियंका भी कम नहीं हैं। दोनों नेताओं को मोदी-योगी सरकार की फजीहत करने मेे जितना मजा आता है, उतनी ही इनकी जुबान कांग्रेस शासित राज्यों को लेकर बंद रहती है। वर्ना महाराष्ट, राजस्थान, पंजाब और झारखंड के हालात भी कम खतरनाक नहीं हैं। अन्य नेता पुत्र राहुल-प्रियंका के पद चिन्हों पर चलते नजर आ रहे हैं।
स्थिति यह है कि अखिलेश यादव हर समय योगी सरकार की खाामियां गिनाते रहते हैं। हद तो तब हो जाती है जब अखिलेश छाती पीटने लगते हैं कि मोदी सरकार गरीबों को फ्री में कोरोना से बचाव का इंजेक्शन नहीं लगा रही है जबकि यह इजेक्शन शुरू से फ्री में ही लग रहा है। योगी सरकार को घेरने की दौड़ अखिलेश अकेले नहीं लगा रहे हैं इस रेस में कांग्रेस की प्रियंका भी पीछे नहीं है, क्योंकि वह भी अखिलेश-माया की तरह 2022 में यूपी का सीएम बनने का सपना पाले हुए हैं। ऐसा ही कारनामा बिहार में लालू के पुत्र कर रहे हैं। वह बिहार के सीएम नीतिश कुमार के खिलाफ जनता के गुस्से को भड़काने में लगे हैं। एक तरफ यह नेता पुत्र जनता को भड़का रहे हैं तो दूसरी तरफ किसान आंदोलन को भी हवा देने में लगे हैं। महामारी के दौर में जब हर कोई चाह रहा है कि किसान आंदोलन वापस लेकर सुरक्षित घरों में जाकर रहे तब यह नेता किसान आंदोलन की आवाज बने हुए हैं।
बहरहाल महामारी के इस दौर में किसान आंदोलनकारियों के हौसले इसलिए तो बढ़ हुए हैं ही क्यों कुछ नेताओं की इससे सियासत चल रही है, वहीं सकट इस लिए और बढ़ा होता जा रहा है, क्योंकि आंदोलनकारी किसानों के दोनों हाथों में लडडू हैं। यदि सरकार सख्ती नहीं करती है तो किसान नेता मनमानी पर उतर आते हैं और सख्ती करती है तो किसान नेता भोले-भाले किसानों को भड़काकर आगे कर देते हैं। यही वजह है तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों का धरना जारी है। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते खतरे और प्रभाव के बीच संयुक्त किसान मोर्चा धरना प्रदर्शन से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। धीरे-धीरे किसान आंदोलन का एक सच यह भी सामने आने लगा है कि प्रदर्शनकारी तीनों कृषि कानूनों की अच्छाई को न समझकर अपने नेताओं-आंकाओं के हाथ की कठपुतली बन गए हैै। खासकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के अलावा भाकियू (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी और भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार किसानों का गुमराह कर रहे हैं। कोरोना को लेकर भी यह नेता भ्रम की राजनीति में लगे हैं।
कृषि कानूनों में सुधार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में के प्रमुख गुरनाम चढ़ूनी गत दिनों टीकरी बार्डर के मंच पर पहुंचे। मंच पर आए गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि सरकार हमारे आंदोलन को जबरन खत्म नहीं करवा सकती। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यह न सोचे कि किसानों को दबाव में घर भेज दिया जाएगा। आंदोलन स्थल पर कोरोना का कोई खतरा नहीं है। यहां पर बता दें कि दिल्ली में लॉक डाउन लगने से पहले ही भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एलान कर दिया था कि लॉक डाउन लगने के बावजूद यूपी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन नहीं थमेगा। दरअसल राकेश टिकैत का किसानों पर प्रभाव है। ऐसे में उनके बयान असर करते हैं। यही वजह है कि किसान न तीनों कृषि कानूनों की अच्छाई समझ पा रहे हैं और न ही इस पर हो रही राजनीति की गहराई तक पहुंच सके हैं।

(लेखक उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मान्यता प्राप्त पत्रकार एवं स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

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सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल बंदियों को दी गयी विधिक जानकारी | #TejasToday जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमपी सिंह के संरक्षण व कुशल निर्देशन एवं अनुमति से जिला प्राधिकरण के तत्वावधान में बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौम के पर सिविल जज सीडि/प्रभारी सचिव मो. फिरोज ने बन्दियों के अधिकार एवं विशेष रूप से महिला बन्दियों के लिए नालसा द्वारा चलायी जा रही योजना के बारे में बताया। साथ ही नालसा की योजना के अनुरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गरीब, असहाय एवं निर्बल वर्ग के अक्षम व्यक्तियों को प्रदान करायी जा रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने बन्दियों को बताया कि उपरोक्त प्रकार के बन्दी जेल अधीक्षक अथवा जेल लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से जिला प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि विधिक सहायता हेतु किसी बन्दी का प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर अविलम्ब सूचित करना सुनिश्चित करें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु कोविड-19 के नियमों के पालन हेतु जागरूक किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, अन्य सहकर्मी, जेल पीएलवी एवं पुरूष व महिला बन्दीगण उपस्थित रहे।

सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल केराकत के मनबढ़ दरोगा से निषाद बस्ती के लोग परेशान | #TejasToday केराकत, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र में बीती शाम कोतवाली के मनबढ़ दरोगा सुदर्शन यादव द्वारा निषाद बस्ती में जाकर गालियां देते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गयी। उक्त गांव निवासी प्रभाकर निषाद ने आरोप लगाते हुए बताया कि हमारे सगे भाई गांव के कई लोगों से पैसा जमा कराकर देने से इंकार कर रहे हैं। बता रहे हैं कि कंपनी भाग गई है, इसलिये अब पैसा नहीं मिलेगा। इसके बाबत प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से प्रभाकर ने अपने भाई का खेत जाने वाले रास्ते को अवरूद्ध कर दिया। इस पर भाई द्वारा कोतवाली में मेरी शिकायत की गयी जिस पर उक्त मनबढ़ दरोगा मेरी अनुपस्थिति में परिवार के सदस्यों को गाली देते हुये मुझे सहित परिवार के सभी लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिये। उक्त दरोगा की इस हरकत से जहां पीड़ित और परेशान हो गया, वहीं गांव के अन्य लोग दरोगा से परेशान होकर जिला व पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराये।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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