कथित घोटालेबाज अधिकारी क्षेत्र में बने चर्चा का विषय
रामपुर मथुरा ब्लाक के 10 ग्रामसभाओं में घोटाले के आसार
विशाल रस्तोगी
रामपुर मथुरा, सीतापुर। घोटालों की बहती गंगा में डुबकी लगाने वाले ग्राम विकास अधिकारी दिलीप सिंह क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं कि इतने -बड़े घोटाला करने के बावजूद भी आखिर इन पर क्यों कार्यवाही नहीं होती जांच के नाम पर सिर्फ कागज खानापूर्ति की जाती है। कहीं ऐसा तो नहीं जांच अधिकारी भी घोटालों की बहती गंगा में हाथ धो लिए हो। यह चर्चा होटलों और चौराहों पर बनी हुई है कि आखिर इतने बड़े घोटाले करने के बावजूद भी ग्राम विकास अधिकारी पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है जबकि छोटी-मोटी चोरी करने वाला व्यक्ति सलाखों के पीछे होता है और बड़ी चोरी करने वाला सीना तान कर घूमता है लेकिन यह भी चर्चा हो रही है कि यह प्रकरण अभी उच्च अधिकारियों के संज्ञान में नहीं पहुंचा है, अन्यथा अब तक कार्यवाही हो ही जाती और चर्चा यह भी चल रही है कि आखिर ऐसे घोटालेबाजों के पास लगभग 10 ग्राम पंचायतें हैं। सबमें यही घोटाला हो सकता है।
आखिर गरीब जनता जाए तो जाए कहां? किससे शिकायत करें? वह अपने आंसू ही पोछ कर घर में बैठ जाता है लेकिन भ्रष्टाचारी कब तक अपने दमखम पर जांच को दबाता रहेगा, यह असंभव है। लोगों की मानें तो रामपुर मथुरा विकास खंड में सिर्फ कागजों पर फर्जी कार्य दिखाकर फर्जी बाउचर लगाकर लाखों रुपए गमन किए गए हैं। ग्राम पंचायत बरियारपुर में जहां पर इंडिया मार्का हैंडपंप मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए का सरकार को चूना लगाया गया है। मरम्मत किए ही नहीं गये। ग्रामीणों की सूचना पर संवाददाता द्वारा ग्राम पंचायत बरियारपुर का मौका देखा गया तो वहां मरम्मतीकरण के नाम पर लाखों रुपयों का घोटाला किया गया। बात यहीं खत्म नहीं होती। कोविड-19 जैसी महामारी में वॉल पेंटिंग के नाम पर भी रुपए निकाले गये।
कहीं पर भी वाल पेंटिंग नहीं कराई गई। सेनीटाइजर खरीद व छिड़काव पर भी काफी घोटाला प्रशासनिक व्यय तथा शौचालय मरम्मत में काफी घोटाला के सूत्र मिले जिसकी खबर 29 दिसंबर 2021 को प्रमुखता से लगाई गई लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। बात यहीं खत्म नहीं होती है। अब दिलीप सिंह की ही ग्राम पंचायत दहला धौराहरा को देखिए। मित्रसेन के दरवाजे पर 2 वर्ष से नल खराब पड़ा है। रमेश के दरवाजे पर लगा नल देर से पानी दे रहा है। राकेश के दरवाजे पर 3 वर्ष से नल खराब पड़ा है। राम लखन के दरवाजे पर लगा नल खराब पड़ा है जबकि नल मरम्मत के नाम पर लगभग 50 हजार निकल गये। वहीं बाढ़ राहत के नाम पर भी बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। यही नहीं, पंचायत भवन मरम्मत के नाम पर लाखों रुपयों का घोटाला किया गया है जिसमें छत पर हल्का घोट और फर्श पर घटिया क्वालिटी की टाइल लगाकर रंग रोगन चढ़ा दिया गया और लाखों का घोटाला हो गया जिसकी 3 माह पूर्व खबर भी प्रकाशित हुई थी लेकिन जांच के नाम पर सब शून्य निकलता है। ग्रामीणों द्वारा जिले स्तर से जांच कराए जाने की मांग की है। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है?
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