मानकविहीन इमारतों को लेकर पहले ही ‘तेजस टूडे’ ने अग्निशमन विभाग पर लगाया था प्रश्नचिन्ह
मानकविहीन इमारतों को लेकर पहले ही ‘तेजस टूडे’ ने अग्निशमन विभाग पर लगाया था प्रश्नचिन्ह
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। लखनऊ के हजरतगंज होटल में हुई आग लगने की घटना के बाद यह प्रश्न उठने लगे हैं कि क्या रायबरेली में भी मानक विहीन इमारतें बनी हुई है। अग्निशमन विभाग की इस मनमानी और लापरवाही के खिलाफ तेजस टूडे अखबार ने पहले ही प्रशासन की आंख खोलने की कोशिश की थी। खबर निकाले जाने के बाद भी रायबरेली का प्रशासन नहीं चेता। आखिर किस हादसे का इंतजार अग्निशमन विभाग और प्रशासन को है। हादसा होने के बाद मानक की फाइल लेकर इमारतों के चक्कर लगाने का क्या फायदा होगा।
क्या होना चाहिए एक इमारत बनाने का मानक?
अगर हम व्यवसायिक प्रतिष्ठान की बात करें तो इस प्रकार की किसी भी बड़ी इमारत के चारों ओर कम से कम 6 मीटर की जगह अतिरिक्त छोड़नी चाहिए। साथ ही इमारत में 2 सीढ़ियां जिन की चौड़ाई लगभग तीन से साढ़े 3 तीन फिट तक होनी चाहिए। अगर इमारत में बेसमेंट है तो फायर ब्रिगेड के नियम के अनुसार स्प्रिंकलर वाटर सप्लाई (फौवारा) होना अनिवार्य है। साथ ही फायर सिलेंडर हर बड़ी इमारत में उसके क्षेत्रफल के अनुसार होना अनिवार्य है। सूत्रों की मानें तो सबसे बड़ी बात यह है कि रायबरेली विकास प्राधिकरण के द्वारा जिस मानचित्र की अनुमति दी जाती है। उसके विपरीत मानकों को ताख पर रखकर इमारतें बनाई जाती है। ऐसी स्थिति में विकास प्राधिकरण के इंजीनियर और अधिकारियों भी इस तरह के हादसों के होने पर जिम्मेदार माने जाने चाहिए।
अग्निशमन विभाग का खेल बन सकता है लोगों की जान के लिये आफत
तेजस टूडे द्वारा जिले के कई होटल चिन्हित किए गए थे जिन पर अग्निशमन विभाग के द्वारा कोई अनुमति नहीं दी गई। ऐसे संचालित होने वाले होटल अग्निशमन विभाग के द्वारा बनाए गए मानक को पूरा नहीं करते फिर भी वह संचालित हैं। ऐसी स्थिति में फायर ब्रिगेड के अधिकारी और कर्मचारी साफ तौर पर अगर कोई हादसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार माने जा सकते हैं।
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