कांग्रेस में मच गयी भगदड़, पढ़िए पूरी खबर..
सीतापुर। क्या उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जितिन प्रसाद के सहारे ही चल रही थी। क्या उत्तर प्रदेश में जितिन के सामने राहुल गांधी का कोई अस्तित्व नहीं है? यूपी में कांग्रेस का जनाधार आज जितिन का जनसैलाब बनता जा रहा है। राहुल गांधी कांग्रेस की डूबती हुई नैया को काबू में नही कर पा रहे हैं। जितिन की आंधी के सामने प्रियंका का जादू भी बेसर दिखाई दे रहा है।
जब से जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ी है तब से यह तीसरा राउण्ड है जब भारी संख्या में कांग्रेस ने जनाधारी नेताओं के पीपीसी सदस्य और पदाधिकारियों ने कांग्रेस से सामूहिक रूप में त्यागपत्र दिया है। यह सभी कांग्रेस नेता अपने को जितिन का समर्थक बता रहे है। जैसे ही पता चला कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का दाहिना हाथ अब भाजपा के साथ चला गया वैसे ही कांग्रेस में भूचाल आ गया।
कांग्रेसियों के फोन घनघनाने लगे और सभी पता लगाने लगे कि क्या वाकई जितिन भाजपा में शामिल हो गये है जैसे ही यूपी के कांग्रेस को पता चला कि अब जितिन कागं्रेस में नही रहे उन्होने भाजपा का दामन थाम लिया है वैसे ही यूपी की कांग्रेस में भूचाल आ गया और सबसे पहले जितिन के बेहद करीबी कहे जाने वाले ज्ञानेन्द्र शुक्ला ने दो राउण्डों में अपने सैकड़ो कांग्रेस पदाधिकारियों और पीपीसी सदस्यों के साथ कांग्रेस से सामूहिक रूप से त्याग पत्र दे दिया।
इसके बाद भी आज तीसरे राउण्ड में पीपीसी सदस्यों के साथ भारी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ दी कि हम जितिन के समर्थक है। आज कांग्रेस से जितिन की युवा पलटन फिर से जितिन की ओर रूकसन होने लगी है। यूपी में कांग्रेस केवल बयानबाजी और अपने सियासी दांवपेचों को चलाने में जुटी है जबकि यहां से कांग्रेस का लगातार सफाया होता जा रहा है।
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