अयोध्या सीट पर घटा भाजपा की जीत का अन्तर
बीकापुर व रूदौली सीट पर प्रत्याशी बदलना नुकसानदेह
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। समाजवादी पार्टी का 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले प्रदर्शन शानदार रहा। पार्टी ने मिल्कीपुर सुरक्षित व गोसाईंगंज विधानसभा सीट भाजपा से कांटे के मुकाबले में छीन ली। मिल्कीपुर सीट से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद व गोसाईगंज सीट से अभय सिंह ने जीत दर्ज कर भाजपा के 2017 के प्रदर्शन पर ब्रेक लगा दिया।
सबसे प्रतिष्ठित अयोध्या सीट से पार्टी प्रत्याशी तेज नारायण पांडेय चुनाव तो नहीं जीत सके लेकिन पिछले चुनाव की जीत का अंतर 50 हजार 440 को सिकोड़ कर 20 हजार पहुंचा दिया। भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनाव में अयोध्या, मिल्कीपुर, बीकापुर, रुदौली व गोसाईंगंज सीट जीत कर समाजवादी पार्टी का जिले से सूपड़ा साफ कर दिया था। हालांकि पार्टी 2012 के प्रदर्शन को नहीं दोहरा सकी। उस चुनाव में पार्टी ने चार सीटें जीती थीं। सिर्फ एक सीट रुदौली में भाजपा प्रत्याशी रामचंद्र यादव ने जीत कर पार्टी की लाज बचाई थी। बीकापुर व रुदौली सीट पर पार्टी की हार के केंद्र में अंतिम क्षण प्रत्याशियों का बदलने की चर्चा है। पार्टी का एक भी पदाधिकारी इसे बोलने को तैयार नहीं है।
बीकापुर सीट से टिकट के दावेदार आनंदसेन यादव को रुदौली से लड़ने भेजा गया। उस सीट पर पार्टी से टिकट के दावेदार अब्बास अली जैदी रुश्दी बगावत कर चुनाव मैदान सपा प्रत्याशी आनंदसेन के सामने डट गए। मतगणना के बाद आए नतीजे में भाजपा के उम्मीदवार रामचंद यादव को इस चुनाव की सबसे बड़ी जीत 40 हजार के अंतर से जिताया। पार्टी ने बीकापुर सीट से बसपा के फिरोजखान गब्बर को प्रत्याशी बनाया। लगभग 7 हजार के अंतर से वह भाजपा प्रत्याशी अमित सिंह से हार गए। अंतिम क्षण में यह बदलाव चुनावी नतीजे की दृष्टि से पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। पार्टी प्रत्याशी बीकापुर एवं रुदौली सीट हार गए। जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव को अंतिम क्षण बीकापुर व रुदौली में टिकट बदलने से प्रचार के लिए मिले कम समय से अपेक्षित चुनाव परिणाम न आने का मलाल है। बोले, जनता का जनादेश स्वीकार है। हार के कारणों की समीक्षा करेंगे।
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