श्रृंगी ऋषि के श्राप ने राजा परीक्षित का तोड़ा था अभिमान: स्वामी स्वात्मानन्द
कथा व्यास ने सोनक सूत नारद चरित्र और राजा परीक्षित का किया वर्णन
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। जिले के अटौरा बुजुर्ग किसान विद्यालय में चल रही रसमयी भागवत कथा का के दूसरे दिन श्रोताओं ने राजा परीक्षित और उन्हें मिले श्राप की कथा सुनाई कथा व्यास ने शौनक सूत नारद चरित्र और राजा परीक्षित के श्राप को अपने श्री मुख से सुना श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया कथावाचक स्वात्मानन्द महाराज ने अभिमान दूर रहने का भी संदेश दिया।
बताते चलें की अटौरा बुजुर्ग के किसान विद्यालय में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। स्वामी परमहंस स्वामी सूर्य प्रबोध आश्रम स्वात्मानंद अश्वनी कुटी महाराज के द्वारा श्री भागवत कथा का प्रवचन किया गया। कथा में स्वामी सत्यानंद ने श्रद्धालुओं को राजा परीक्षित की कथा सुनाई। जिसमें उन्होंने बताया कि संध्या वंदना के समय अपने अभिमान में चूर राजा परीक्षित ने शामिक ऋषि के गले में मरा हुआ सर्प पहना दिया जिसके बाद ऋषि पुत्र सिंघी ने राजा परीक्षित को अभिमान को तोड़ने के लिए उन्हें तक्षक नाग से डसने के दौरान मृत्यु होने का श्राप दे दिया।
स्वामी स्वात्मानंद ने श्रद्धालुओं को सोनक सूत और नाराज चरित्र का भी चित्रण सुनाया और संदेश दिया कि अभिमान से किसी को दुखी न करें क्योंकि भक्ति में डूबे भक्त से बड़ा कोई भी इस संसार में नहीं होता। मंगलवार को श्री फाउंडेशन के चेयरमैन मनोज द्विवेदी और उनकी पत्नी सुधा द्विवेदी के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और भगवत गीता को सुनकर भाव विभोर हो गये।
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