विभागीय संरक्षण में प्रतिबंधित पेड़ों पर चल रहा आरा
विभागीय संरक्षण में प्रतिबंधित पेड़ों पर चल रहा आरा
गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। शासन—प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी प्रतिबंधित पेड़ो की कटान पर अंकुश नही लग पा रहा है। बेखौफ वन माफिया पेड़ों की कटान कर धड़ल्ले से ट्रालियों से लकड़ियों को ठिकाने लगाने में जुटे रहते है। पुलिस एव वन विभाग प्रतिबंधित पेड़ो की कटान से पूरी तरह अंजान बना हुआ है।
विदित हो कि प्रतिबंधित पेड़ों की लकड़ियों से लदी ट्रैक्टर ट्रालियां बेख़ौफ़ होकर हॉइवे पर रन करती रहती है जिन्हें कोई रोकने टोकने वाला नही होता है। जाहिर है कि तमाम प्रयासों के बाद भी क्षेत्र में प्रतिबंधित हरे पेड़ो की कटान पर रोक नही लग पा रही हैं। सफदरगंज थाना क्षेत्र में वर्तमान समय में हरे भरे पेड़ों पर खुलेआम आरा चल रहा है।
बीते 5 अप्रैल को ग्राम सदेवा स्थित पक्के नाले के निकट राम प्रकाश, रामकुमार, राजेन्द्र एव नरेंद्र वर्मा के खेत मे लगे आठ हरेभरे गूलर के पेड़ों को काटकर गायब कर दिया गया जिसकी जड़े आज भी लगी हुई है। वन विभाग को जानकारी देने पर पहुँचे वन विभाग के कर्मचारियों ने सात पेड़ो की पुष्टि करते हुए वन माफियाओं पर कार्यवाही की है।
इसी तरह ग्राम तुरकानी में दरोगा रावत के खेत मे तीन बड़े शीशम के पेड़ों को बगैर परमिट के काट कर गायब कर दिया गया। वन माफिया यही नहीं रुके, बल्कि ग्राम बिरौली में बौर से लदे तीन आम के पेड़ों को काटकर गायब कर दिये। उक्त पेड़ कैलाशपुरी आश्रम के बताए जा रहे है।
आम के पेड़ों में बौर आने के बाद अनुमति नहीं मिलता है लेकिन वन माफियाओं एव वन विभाग व पुलिस की सांठगांठ से खुलेआम आरा चलने पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। बहरहाल वर्तमान में पेड़ों पर जिस तरह आरा चल रहा है, उससे स्वस्छ पर्यावरण का सपना पूरा होना सम्भव नही दिखाई दे रहा है।
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