कुलपति के खिलाफ फिर मैदान में उतरे प्रोफेसर

कुलपति के खिलाफ फिर मैदान में उतरे प्रोफेसर

अनशन पर बैठे सस्पेंड प्रोफेसर कमलेश गुप्ता
पूविवि ने दी धमकी, साथ देने वालों पर भी होगी कार्यवाही
अजय जायसवाल
गोरखपुर। यूनिवर्सिटी में एक बार फिर कुलपति प्रो. राजेश सिंह बनाम प्रोफेसर के बीच जंग छिड़ गई है। कुलपति को उनके पद से हटाए जाने और उनके कार्यकाल में हुए आय-व्यय की जांच की मांग को लेकर करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हिन्दी विभाग के निलंबित आचार्य प्रो. कमलेश कुमार ने शनिवार को सुबह एक बार फिर आमरण अनशन शुरू कर दिया। वे पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के सामने प्रशासनिक भवन के नीचे बैठे हैं।

हालांकि, आमरण अनशन के लिए जाते समय उन्हें गेट पर रोकने की भी कोशिश की गई। हालांकि प्रो. कमलेश गुप्ता के इस अनशन का शिक्षक नेताओं ने समर्थन भी किया है जबकि अनशन से पहले यूनिवर्सिटी प्रशासन ने साफ तौर पर यह धमकी भी दी है कि आंदोलन कर रहे प्रोफेसर का साथ देने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को दोषी माना जाएगा, और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। आमरण अनशन पर बैठे प्रो. कमलेश गुप्त ने अपनी 6 सूत्रीय प्रमुख मांगें रखी हैं।

कुलपति प्रो. राजेश सिंह के विरुद्ध की गई शिकायतों की निष्पक्ष जांच हो। जांच होने तक उन्हे कुलपति पद से कार्य विरत किया जाए। उनके कार्यकाल में हुई विश्वविद्यालय की समस्त आय और व्यय की निष्पक्ष जांच हो। दोषी पाए जाने पर प्रो. राजेश सिंह को पदमुक्त करते हुए विधिक कार्यवाही सुनिश्चित हो। प्रो. कमलेश गुप्त के निलंबन के आरोप पत्र और तथाकथित जांच समिति के सम्पूर्ण कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग सार्वजनिक की जाएं। जन सूचना अधिकार कानून के अर्न्तगत प्रो. कमलेश गुप्त द्वारा मांगी गई समस्त सूचनाएं उपलब्ध करायी जाएं।

कार्यवाही नहीं हुई तो अनशन को मजबूर हुये
प्रो. कमलेश गुप्त ने कहा कि प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ शपथ पत्र और साक्ष्यों सहित कुलाधिपति से की गई शिकायतों पर एक वर्ष से अधिक की अवधि बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने के कारण उन्हें आमरण अनशन का निर्णय लेना पड़ा। DDU शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष और शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी व कॉमर्स के प्रोफेसर अजेय गुप्ता भी उनके समर्थन में पहुंचे हैं। प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने शिक्षकों से अपील की है कि वे समर्थन में आगे आएं। उप्र आवासीय विश्वविद्यालय महासंघ के अध्यक्ष प्रो. चितरंजन मिश्र ने भी सभी से समर्थन की अपील की है।

साथ देने वाले पर होगी कार्यवाही
प्रो. कमलेश गुप्त के आमरण अनशन पर डीडीयू प्रशासन ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। विवि प्रशासन के मुताबिक आमरण अनशन की घोषणा को अत्यंत गंभीरता से लिया गया है। इस बारे में जिला प्रशासन को लिखित सूचना दे दी गई है। पूरे मामले की राजभवन के संज्ञान में भी लाया गया है। जो भी प्रो. कमलेश गुप्त का साथ देगा उसे भी अनुशासनहीनता माना जाएगा और उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

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