कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियां फुस्स, कैसे सम्पन्न होगा प्रान्तीय मेला
कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियां फुस्स, कैसे सम्पन्न होगा प्रान्तीय मेला
पंकज मिश्रा
डलमऊ, रायबरेली। स्थानीय कस्बे में 2 नवंबर से लगने वाले ऐतिहासिक प्रांतीय पूर्णिमा मेला को लेकर तहसील के आलाधिकारी ही संजीदा नहीं है। इस बार पूर्णिमा मेले में अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहेगा, क्योंकि कोई भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझ रहा है।
ऐसी स्थिति में कार्तिक पूर्णिमा मेले में आने वाले लगभग 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं भारी समस्याओं के बीच स्नान करना होगा। ऐतिहासिक प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेले में इस वर्ष 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। गंगा घाटों मुख्य मार्गो, मेला वीआईपी क्षेत्र, मेला कोतवाली सहित विभिन्न मुख्य स्थानों पर अभी तक तैयारियों को लेकर कोई इंतजाम और साफ सफाई नहीं किए जा रहा हैं । माना जा रहा है तहसील स्तरीय अधिकारी ही मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और न ही इस मामले को नगर पंचायत इस बार तवज्जो दे रहा है।
इन अधिकारियों को होती विशेष भूमिका
ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले की तैयारियों को लेकर सर्वप्रथम एसडीएम, तहसीलदार, अधिशासी अधिकारी की विशेष भूमिका रहती है जो इस मेला को संपन्न कराने के लिए स्थानीय लोगों एवं विभिन्न वर्ग के लोगों से मेले की जानकारी हासिल करते हैं और उसके बाद प्लान तैयारकर अधिकारियों को सौंपते हैं। अधिकारियों एवं शासन स्तर के निर्देश पर मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए इंतजाम किए जाते हैं। प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेला 8 नवंबर को 10 नवंबर से मेला क्षेत्र में व्यापारियों दुकानदारों का आगमन हो जाएगा।
इसके उपरांत 5 नवंबर को संपूर्ण मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का डेरा पड़ जाएगा। 7 नवंबर को वीआईपी घाट पर जिलाधकारी, पुलिस अधीक्षक समेत जिले के आला अधिकारियों द्वारा विशाल गंगा पूजा कर मेला महोत्सव का उद्घाटन किया जायेगा। इस वर्ष मेले को लेकर कोई भी अधिकारी न अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहा है और न ही गंभीरता से काम करने को तैयार है। इस वर्ष मेले में सबसे अधिक अवस्थाएं देखने को मिलेगी क्योंकि मेले के जिम्मा प्रत्येक वर्ष उठाने वाले तहसीलदार इस वर्ष अस्वस्थ दिखाई दे रहे हैं।
इन स्नान घाटों पर होगा विशाल मेला
डलमऊ कस्बे के रानी जी का शिवाला घाट, किलाघाट, वीआईपी घाट, गाऊ घाट, पक्का घाट, संकट मोचन घाट, पथवारी घाट, दीन शाह गौरा घाट, महावीरन घाट, बरुड्डा घाट, राजा नेवाज सिंह घाट, बड़ा मठ, छोटा मठ घाट, श्मशान घाट सहित अन्य दर्जनों घाटों पर ऐतिहासिक प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेले में लगभग 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है परंतु इस वर्ष कहीं भी प्रांतीय कार्तिक पूर्णिमा मेला की रौनक दिखाई नहीं दे रही है।
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