जमीन विवाद में पुलिस ने पीड़ित को बनाया बंदी
जमीन विवाद में पुलिस ने पीड़ित को बनाया बंदी
मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष ने धरने की दी चेतावनी
सचिन चौरसिया
ऊंचाहार/रायबरेली। दो पक्षों में जमीन विवाद को लेकर पुलिस ने दोनों पक्षों को कोतवाली बुलाया था। जिसके बाद पीड़ित महिला पर ही पुलिस दबाव बनाने लगी और न मानने पर बंदी गृह में ले जाकर अभद्रता व मारपीट कर बंद कर दिया। जिसके बाद शिकायत पर आनन फानन कोतवाली पहुंची जिला पंचायत अध्यक्ष के तेवर देखकर पुलिस कर्मियों के हाथ-पांव फूलने लगे। जिसके बाद कोतवाली में मौजूद सीओ व कोतवाल ने दोषी पुलिसकर्मी पर कार्यवाही का आश्वासन देते हुए किसी तरह समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया।
बता दे रोहनिया विकासखंड के पूरे बहराम मजरे उसरैना गांव निवासी ज्ञानवती का कहना है कि उसकी पुश्तैनी भूमि पर गांव के ही कुछ लोगों द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा था। महिला ने इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस से की थी। जिसको लेकर कोतवाली प्रभारी द्वारा दोनों पक्षों को सोमवार सुबह कोतवाली बुलाया गया। पीड़िता का आरोप है कि कोतवाली पहुंचने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा बिना उसकी बात सुने ही उसके साथ अभद्रता करते हुए बंदी गृह में ले जाकर अभद्रता पूर्वक व्यवहार करते हुए मारपीट कर बंद कर दिया।
जिसके बाद बंदी गृह से ही पीड़िता ने फोन के द्वारा इसकी शिकायत जिला पंचायत अध्यक्ष रंजना चौधरी से की। आनन-फानन में अध्यक्ष कोतवाली पहुंची और धरने पर बैठने की चेतावनी दे डाली। जिसके बाद कोतवाली में मौजूद क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार सिंह समेत कोतवाल बालेंदु गौतम समेत पुलिसकर्मियों के पसीने छूटने लगे। सीओ ने आनन-फानन में दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध कार्यवाही का आश्वासन देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष को समझा-बुझाकर शांत कराया। इस बाबत क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सुबह के वक्त जिला पंचायत अध्यक्ष कोतवाली चाय पीने के लिए आई हुई थी। जिसके बाद वापस चली गई।
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