वेद प्रकाश की प्रथम पुण्यतिथि पर काव्यांजलि आयोजित
अमित त्रिवेदी
हरदोई। मां आशा फाउंडेशन के तत्वावधान में ब्रह्मास्त्र एकेडमी में काव्यांजलि का आयोजन हुआ जहां कवियों ने स्मृति शेष वेद प्रकाश शुक्ला को शब्द-पुष्प भेंट कर श्रद्धाञ्जलि दी। कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि निशानाथ अवस्थी, कवि सतीश शुक्ला व कवि राजकुमार सिंह ने दीप प्रज्जवलन व मां शारदा एवं मां आशा फाउंडेशन के संरक्षक वेद प्रकाश शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। काव्यांजलि की शुरुआत आकांक्षा गुप्ता की वाणी वंदना से हुई। युवा कवि अनमोल शुक्ला ने ‘पिता गर साथ हो तो जमाना भाव देता है’ कविता पढ़ वाहवाही लूटी। कवयित्री पल्लवी मिश्रा ने ‘आंधियां कुछ यूं चलीं कि एक घरौंदा ढह गया’ गीत पढ़ समां बाँधा।
कवि आदेश तिवारी ने’ कितना किरदार शान से खेले, पर कहानी का अंत होता है’ कविता पढ़ तालियां बटोरी। कवि मनीष मिश्रा ने’ छोड़ चले अपने सभी, यही जगत की रीत’ कविता पढ़ सभी को भावुक कर दिया। कवि वैभव शुक्ला ने ‘जाने कितने गीत अधूरे छूट गए तेरी चौखट पर गीत पढ़ा। आशुतोष सिंह ने ‘कुछ भी हो जाए पर तुमको दो बार नहीं मरना होगा’ कविता पढ़ी।
गीतकार दिव्यांशु शुक्ला ने “कर्म तजकर कल्पना ही कर रहे हैं, बुद्ध के चातुर्य का दम भर रहे हैं” गीत पढ वाहवाही लूटी। युवा गीतकार कृतार्थ पाठक की रचना ‘तार हिय के ना छेड़ो शुभे, सुधि तुम्हारी लिए गीत आ जाएंगे” सराही गई। गीतेश दीक्षित की रचना ‘पिता परिश्रम से ही मिलता हमको प्रत्येक निवाला है’ पसंद की गई। कौशलेंद्र सिंह राष्ट्रवर ने ‘हे अमित पुत्र पृथ्वी के दिव्य शक्ति भंडार जगो, सतीश शुक्ला ने ‘मैं आजाद परिंदा हूं शर्तों पर गीत नहीं गाता’ कविता पढ़ी। संचालक राजकुमार सिंह प्रखर ने ‘रामकृष्ण की पावन धरती को मेरा सौ सौ बार नमन कविता पढ़ तालियां बटोरीं।
अध्यक्ष निशानाथ अवस्थी, अभिनव दीक्षित, लकी रस्तोगी, आशुतोष सिंह ने भी काव्य पाठ किया। वेद प्रकाश शुक्ल के पुत्र संस्थाध्यक्ष अजीत शुक्ल ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर युवा गीतकार कृतार्थ पाठक को वेद प्रकाश शुक्ल स्मृति युवा कवि सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संयोजक आकाश सोमवंशी, लक्ष्मीकांत मिश्रा, अंकित काव्यांश, शुभम सिंह, पुनीत अग्निहोत्री व विभु माही उपस्थित रहे।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।