प्राइवेट अस्पतालों की भरमार, ठगी का शिकार हो रहे मरीज
पवन मिश्रा
कौशाम्बीे। जिले के अधिकारियों की उदासीनता के चलते प्राइवेट डॉक्टरों की चांदी है। आम आदमी के लिये ये हॉस्पिटल बवाले जान बनते जा रहे हैं। वहीं कुछ हॉस्पिटल वालों का रजिस्ट्रेशन भी तो कई बिना रजिस्ट्रेशन के ही दुकान खोल कर बैठे है। सबसे बड़ा सवाल रजिस्ट्रेशन होने या न होने का नही बल्कि सबसे बड़ा सवाल मरीजों की जिंदगी से खेलने का है।
इनकी दुकान केवल मरेजों को दवा देकर उनका मर्ज ठीक करने तक सीमित नही है बल्कि ये ऐसे दरिंदे है जिन्हें ऑपरेशन की एबीसीडी तक नही मालूम है फिर भी मरीजो का आपरेशन करने से नही चूकते हैं। फिर चाहे वो मेरे या जिये। इनको तो शिर्फ पैसे से काम है। ऐसे एक नही बल्कि बल्कि कई मामले सिराथू नगर पंचायत के है जो बावासीर का ऑपरेशन करने में मशहूर है।
उसका रेट भी जान लीजिए बावासीर के ऑपरेशन में ६० से ७० हजार रुपये तक लूट लेता है। ऐसे ही वार्ड न० ७ के नवनीत मिश्रा का आपरेशन कर दिया। गलत तरीके से हुए ऑपरेशन से नवनीत की जान पर आफत आ गई। हालांकि परिजनों ने किसी तरह दिल्ली के हॉस्पिटल में इलाज करवाकर सही सलामत घर वापस लाए लेकिन नवनीत ने उसके बाद उस डॉक्टर पर अदालत से मुकदमा दर्ज करवा दिया। इतना सब होने के बाद भी जिले के अधिकारी है कि ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के बजाय इन जैसे डॉक्टरों को दुधारू गाय बना बैठे हैं।
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