पवन मिश्रा
कौशम्बी। साइबर अपराधी अपराध करने के नये-नये तरीकों का इस्तेमाल करके आम जनता को ठगी (फ्राड) का शिकार बना रहे हैं। विगत दिनों कुछ ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं कि साइबर अपराधियों द्वारा घर से दूर रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के अभिभावकों का मोबाइल नम्बर किसी माध्यम से प्राप्त कर उनके पास कॉल करके फर्जी जानकारी देते है कि मैं क्राइम ब्रान्च से पुलिस इन्सपेक्टर बोल रहा हूं। आपका बच्चा रेप में आरोपी है जिसे हम लोग पकड़ कर थाने लाये हैं इसको जेल जाना पड़ सकता है यदि आप चाहे तो इसे छुड़ा सकते है।
फर्जी कॉल करने वाले साइबर अपराधी द्वारा अभिभावक को भयभीत करने के लिये कुछ ऑडियो सुनाया जाता है जिससे महसूस होता है कि उसके बच्चे को टार्चर किया जा रहा है। इसी दौरान बच्चे को छोड़ने के नाम पर साइबर अपराधी द्वारा अवैध धन की मांग करते हुये सौदेबाजी की जाती है जिससे भयभीत अभिभावक अपराधी द्वारा बताये गये बैंक खाते यूपीआई में पैसे जमा कर देते हैं परन्तु बाद में पता चलता है कि उनके साथ फ्राड हो गया है। साइबर अपराधी द्वारा प्रायः क्राइम ब्रांच पुलिस अधिकारी, अधिकारी, इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अथवा अन्य बड़े पुलिस अधिकारी होने का दावा करते हुये अपना परिचय देकर फ्राड धोखाधड़ी किया जाता है। इस प्रकार के फ्राड (ठगी) से सचेत रहने की आवश्यकता है।
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