गांवों की सड़कों में लगाया जायेगा प्लास्टिक अपशिष्ट
आशीष पचौरी
फिरोजाबाद। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण आभियान के तहत गांवों के कूड़ा कचरा व प्लास्टिक का भी सदुपयोग किया जाएगा। शहर से लेकर गांव तक धड़ल्ले से प्रयोग हो रही प्लास्टिक को लेकर जनता परेशान है। कृषि भूमि को बंजर बनाने तथा नाले नालियों को चोक करने वाले प्लास्टिक अपशिष्ट का सद्पयोग प्रयोग करने की तैयारी की जा रही है। पंचायती राज विभाग ने खुद भी प्लास्टिक अपशिष्ट का सद्पयोग प्रयोग करने की तैयारी कर ली है।
ओडीएफ प्लस के तहत चयनित होने वाले गांवों में प्लास्टिक बैंक की स्थापना अलग से की जा रही है।
प्लास्टिक बैंक में एकत्रित होने वाले प्लास्टिक अपशिष्ट को एकत्रित किया जाएगा। इसके बाद प्रत्येक ब्लाक स्तर पर एकत्रित होने वाली प्लास्टिक को प्रबंधन केंद्रों पर पहुंचेंगी। यहां प्लास्टिक से दाना अथवा चिप्स बनाने का काम किया जाएगा। इसका ही प्रयोग सड़कों को बनाने के साथ ही अन्य कार्यों में किया जाएगा। गांव से निकलने वाले प्लास्टिक को पंचायतों से एकत्रित करेगा। उसे ब्लॉक में बनने वाले प्लास्टिक मैनेजमेंट केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।
केंद्रों पर प्लास्टिक से दाना तैयार किया जाएगा। इसका प्रयोग डामर के साथ सड़कों के निर्माण में होगा। प्लास्टिक वेस्ट से बनने वाली सड़क मजबूत होगी और पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक दिनेश यादव ने बताया कि जिले के सभी नौ ब्लाकों में प्लास्टिक यू अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र को स्थापित होंगे। एक केंद्र की स्थापना पर करीब 16 लाख रुपये खर्च होगा। सभी नौ ब्लॉकों में एक करोड़ 44 लाख रुपये खर्च होगा। इन केंद्रों पर प्लास्टिक से दाना एवं चिप्स बनाने का काम होगा। इसका प्रयोग सड़कों के निर्माण में किया जा सकेगा।
जलभराव वाले स्थलों पर प्रयोग किए जाने से सड़क खराब होने की संभावना कम होगी। प्लास्टिक का सड़क निर्माण में प्रयोग करने की बात चल रही है। यह वैसे तो विदेशी टेिु्नक है। प्लास्टिक अपशिष्ट को अलग-अलग करने के बाद उसका दाना बनाकर (हॉट मिक्स से बनने वाली सड़क) के डामर में प्रयोग किया जा सकता है। इस सड़क की खास बात यह रहेगी कि पानी से कोई नुकसान नहीं होगा।
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