जनपद की सड़क पर की जाती है धान की रोपाई

जनपद की सड़क पर की जाती है धान की रोपाई

सांसद—विधायक की नहीं होती उस पर सुनवाई
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। अहिरौला कप्तानगंज मार्ग को लेकर सांसद से लेकर विधायक ने आवाज उठाने का पूरा प्रयास किया। आज तक उस पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो सकी। इतना ही नहीं, क्षेत्रीय राजनीति में कदम रखने वाले समाजसेवी भी इसमें राजनीति का गुणा-गणित सीखने से पीछे नहीं रहे। राज्य सरकार का इस पर कोई असर आज तक दिखाई नहीं दिया। यही कारण है सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष दोनों की लगातार एक मुहिम देखने को मिली जनता से लेकर विपक्ष चाहता था कि जल्द से जल्द सड़क को बनाकर हम आम आदमी के लिए सुविधा उपलब्ध करा दें लेकिन वहीं पर अब सत्ता पक्ष के लोग शायद वह यह चाहते हैं कि किसी भी तरह से इस रोड को ना बनाया जाय। पहले तो एक बात सामने खुलकर देखने को मिल जाती थी कि जब भाजपा का कोई भी जनपद में प्रतिनिधि नहीं था तो सुविधा क्यों उपलब्ध कराई जाए लेकिन आज तो सांसद भी भाजपा के इस जिले में लगातार हर समस्याओं पर समाधान करने के लिए जाने जाते हैंख् फिर इस 21-25 किलोमीटर दूरी पर कप्तानगंज अहिरौला मार्ग लगातार पूर्ण विराम क्यों लग जाता है। इतनी दूरी के बीच में लगभग कई सालों से बहुत से लोग इस सड़क के बहाने राजनीति का ककहरा अच्छी तरह से तो सीख लिए लेकिन यह सड़क आज तक सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
सूत्रों की मानें तो सड़क की ऐसी तस्वीरें किसी भी शासन काल में देखने को नहीं मिली थी। बरसात के समय में ऐसी स्थिति देखने को मिली है कि जगह-जगह पर कुछ समाजसेवी सरकार को चिढ़ाने के लिए धान की रोपाई भी कर देते हैं। पिछले कुछ माह पहले खबर सुनने को मिली थी कि इस सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए काम शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा। इसमें बिजलीपोल, आवास, पुलिया, पोखरी, पेड़ के अलावा कई बिंदुओं पर ध्यान रखा गया था जिसमें सड़क को चौड़ा करने में किसी भी तरह की कोई असुविधा न हो जिसको लेकर सड़क के किनारे एवं राहगीर काफी खुश दिख रहे थे लेकिन यह कुछ ही दिनों की खुशी थी जो कागजों में सुनने को तो मिली लेकिन फिर वही टांयटांय फिश हो गई। इस सड़क को लेकर सांसद संगीता आजाद गंभीर तो काफी हैं लेकिन लाचार इसलिए हैं कि उनके द्वारा इस सड़क पर कहने से कोई कार्यवाही पता नहीं क्यों नहीं हो रही है। रोड पर बरसात के दिनों में बीच सड़क पर पानी भर जाता है।
इसी बहाने एक टाली या दो टाली टुकड़ी या मिट्टी डालकर उस स्थान को पानी से मुक्त कर दिया जाता है लेकिन फिर कुछ अंतराल में बिगड़ते रोड की हालत से कई लोग इस सड़क हादसे में अपनी जान भी दे चुके हैं और बहुत से लोग जिंदगी और मौत से लड़ने वाले भी मिल सकते हैं। इस इतने बड़े गंभीर विषय को लेकर सांसद संगीता आजाद सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी संवाद कर चुकी है लेकिन कोई पुरसा हाल आज तक दिखाई नहीं दिया। वहीं पर मुख्यमंत्री से भी उन्होंने इस विषय को लेकर संवाद किया लेकिन उसका भी कोई उचित हल आज तक देखने को नहीं मिला। इतना ही नहीं, क्षेत्रीय विधायक डॉ संग्राम यादव ने भी इस सड़क की व्यवस्था को सुधारने के लिए जाने अनजाने में कई बार संवाद लोगों से किया। साथ ही कप्तानगंज-अहिरौला-बस्ती भुजबल बाजार तक रोड मार्च भी किया। इस पर भी सरकार की आंख आज तक बंद ही दिख रही है। उधर संगीता आजाद इस रोड के लिए भले ही सक्रिय दिख रही हों लेकिन लगता नहीं है कि विपक्ष में रहने पर उनकी कोई सुनवाई हो। कुछ लोगों का मानना है कि अगर वह पाला बदल लेती हैं तो शायद उनकी बात को सुनी जाय। अब देखना है यह कि अगर रोड नहीं बनेगा तो संगीता आजाद पार्टी भी बदल सकती है। ऐसी अफवाहों का बाजार भी खूब गर्म है।

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