सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हरचन्दपुर में जमकर लिखी जा रही बाहर की दवाएं
सन्दीप पण्डेय
रायबरेली। उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय को चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं लेकिन जब विभाग के आला अधिकारी निजी स्वार्थ के लिए काम करें तो सरकार भी उसमें क्या कर सकती है। रायबरेली के हरचंदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ इसी प्रकार का भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है जो स्थानीय दलालों के संरक्षण में फल फूल रहा है। यहां के डॉक्टर जितने भी मरीज देखते हैं उन्हें बाहर की दवा जरूर लिखते हैं। तेजस टूडे की टीम ने जब इस स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया तो पाया कि 90 प्रतिशत पर्चे में बाहर की दवा लिखी जाती है। प्रत्येक पर्चे में दवा की कीमत लगभग रूपये 400 से रूपये 500 के बीच होती है। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इसमें दवा लिखने वाले डॉक्टर को कितना मिलता होगा और स्थानीय दलालों को कितना लाभ होता होगा। यह मकड़जाल इतना ज्यादा फैला है कि इसमें अस्पताल के अंदर से लेकर बाहर तक के कुछ दलाल सक्रिय हैं। बाहर के दलाल अंदर के दलालों को संरक्षण देते हैं और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन देते हैं। इस मकड़जाल को सरकार ने ना तोड़ा तो स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का सरकार का सपना सपना ही रह जाएगा। जिन पर्चो की फोटो आप देख रहे हैं वो गरीब लोगों के पर्चे हैं। जो प्राइवेट अस्पताल में खुद को नहीं दिखा सकते क्योंकि उनके पास इतने पैसे नहीं है। लेकिन उन गरीबों से ज्यादा गरीब वो मुलाजिम हो गए जो मोटी तनख्वाह लेकर भी संतुष्ट नहीं है और बाहर की दवा लिखकर कमीशन खोरी कर रहे हैं।
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