अब बहुत जल्द घटने लगेंगे कोरोना मरीज, यह बड़ी वजह | #TejasToday

अब बहुत जल्द घटने लगेंगे कोरोना मरीज, यह बड़ी वजह | #TejasToday

ये दावा हम नहीं कर रहे है. कोरोना केसेस कम होने का दावा आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइन्स विशेषज्ञ प्रफेसर मणींद्र अग्रवाल ने किया है. उनका दावा है कि कोविड वायरस के मौजूदा स्वरूप में आगे कोई बड़ा बदलाव न आया तो एक हफ्ते के बाद यह लहर अपने सर्वोच्च शिखर पर पहुंच जाएगी. उनका मानना है कि इस महीने के आखिर तक सक्रिय केस काफी तेजी से घटने शुरू हो सकते हैं
मणींद्र भारत सरकार की उस कमिटी के सदस्य भी हैं, जो देश में कोविड के प्रसार और उसकी गति पर नजर रखकर आकलन करने का काम करती है. नवभारत टाइम्स के लखनऊ/एनसीआर के स्थानीय संपादक सुधीर मिश्र से फेसबुक लाइव पर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि गणितीय मॉडल बता रहे हैं कि मई के पहले हफ्ते से नए केसों में गिरावट आने लगेगी।

किस गणितीय मॉडल से महामारी में भविष्य का आकलन किया जाता है?

1918-19 के स्पेनिश फ्लू में पहला एसआईआर मॉडल प्रयोग किया गया था. इसका मूल सिद्धांत तीन भागों जो संक्रमित नहीं हैं, संक्रमित और ठीक हो चुके लोगों पर टिका है. जितने ज्यादा संक्रमित लोग होंगे, उससे संक्रमण बढ़ने की गुंजाइश उतनी ज्यादा होगी. महामारी में संक्रमित आबादी का बड़ा हिस्सा तो पता ही नहीं चलता. स्पेनिश फ्लू में लक्षण पता चलते थे, लेकिन इस महामारी में बड़ा हिस्सा बिना लक्षणों वाले मरीजों का है.

पूरी दुनिया में सरकारों की क्या रणनीति रही?

100 साल पहले बहुत बड़ी आबादी महामारी की चपेट में आ गई थी. इस बार हर सरकार अलग तरीके से काम कर रही थी. पहले सरकारों ने प्रयास किया कि महामारी ज्यादा ने फैले. कुछ देशों ने वायरस की रीच(पहुंच) बढ़ने नहीं दी. दक्षिण कोरिया इसका उदाहरण है, जहां 99 फीसदी आबादी तक इसे पहुंचने नहीं दिया गया. लेकिन इसके लिए मजबूत सिस्टम, लोगों का सहयोग और आबादी का घनत्व कम होना चाहिए. वहीं ब्रिटेन ने वायरस को फैलने दिया. कुछ देशों की रणनीति मिश्रित रही. राजनीतिक नेतृत्व हमेशा आलोचना का शिकार होगा.

लोग घबराए हुए हैं? पीक कब जाएगा. गिरावट कब से आने की संभावना है?

दूसरी लहर का प्रसार बहुत तेज रहा. आमतौर पर महामारी की एक साइकल 2-3 महीने की होती है. भारत में भी 1-2 महीने लगेंगे. तेजी से गिरावट भी आएगी. नियंत्रण के प्रयास जारी हैं. उत्तर प्रदेश में केस 27 हजार के पार जा चुके हैं. 20-25 अप्रैल के बीच यूपी के चरम पर पहुंचने के बाद ग्राफ तेजी से गिरेगा. मुंबई और महाराष्ट्र पीक पर हैं. पुणे का पीक निकल चुका है. मुंबई के 55-65 हजार पहुंचने को तकनीकी भाषा में कर्व फ्लैट होना कहते हैं. जून तक दोबारा केस न्यूनतम स्तर पर पहुंचने का अनुमान है.

क्या ये गणितीय मॉडल हर बार सही साबित होते हैं?

मॉडल हर बार वास्तविकता नहीं पकड़ पाता है. पंजाब में उम्मीद के हिसाब से पीक आया, लेकिन केस गिरने के बाद फिर बढ़ने लगे. इसे फेज चेंज कहते हैं. ये पैरामीटर बदलने यानी बीटा वैल्यू और रीच बदलने से होता है.

क्या भारत हर्ड इम्यूनिटी की ओर बढ़ रहा है?

पहली लहर के बाद फरवरी तक सब सामान्य हो गया था. लोग लापरवाह हुए तो वायरस की पहुंच बढ़ गई. वायरस के प्रकृति बदलने (म्यूटेशन) और दूसरे देशों का स्ट्रेन यहां आने से दूसरी लहर आई. आशंका है कि इस लहर के खात्मे तक 60 प्रतिशत आबादी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेगी. जबकि हर्ड इम्यूनिटी 75 फीसदी में आती है.

कुंभ, चुनाव और त्योहारों का दूसरी लहर पर क्या असर है?

मेरी बात से सभी सहमत नहीं होंगे, लेकिन कुंभ, होली या चुनावी गतिविधियां खुले स्थानों पर हो रही हैं. इसमें वायरस ज्यादा नहीं फैलता. कानपुर में संक्रमण के काफी केस नए खुले स्टारबक्स कैफे से आए, जहां लोग कॉफी पीने के लिए उमड़े.

क्या तीसरी लहर का खतरा भी मंडरा रहा है?

इसके लिए कई अहम फैक्टर हैं. वायरस का नया स्ट्रेन तो नहीं आएगा. देश की 25 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अहम भूमिका निभाएगी. तीसरी लहर के लिए पैरामीटर में बदलाव भी होना होगा यानी वायरस की बीटा वैल्यू या रीप्रॉडक्शन वैल्यू. तीसरी लहर आई भी तो छोटी होगी।

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सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेल बंदियों को दी गयी विधिक जानकारी | #TejasToday जौनपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एमपी सिंह के संरक्षण व कुशल निर्देशन एवं अनुमति से जिला प्राधिकरण के तत्वावधान में बन्दियों को विधिक जानकारी प्रदान करने हेतु मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कारागार का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस मौम के पर सिविल जज सीडि/प्रभारी सचिव मो. फिरोज ने बन्दियों के अधिकार एवं विशेष रूप से महिला बन्दियों के लिए नालसा द्वारा चलायी जा रही योजना के बारे में बताया। साथ ही नालसा की योजना के अनुरूप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गरीब, असहाय एवं निर्बल वर्ग के अक्षम व्यक्तियों को प्रदान करायी जा रही निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने बन्दियों को बताया कि उपरोक्त प्रकार के बन्दी जेल अधीक्षक अथवा जेल लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से जिला प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि विधिक सहायता हेतु किसी बन्दी का प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर अविलम्ब सूचित करना सुनिश्चित करें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु कोविड-19 के नियमों के पालन हेतु जागरूक किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक, अन्य सहकर्मी, जेल पीएलवी एवं पुरूष व महिला बन्दीगण उपस्थित रहे।

सर्वाधिक पढ़ा जानें वाला जौनपुर का नं. 1 न्यूज पोर्टल केराकत के मनबढ़ दरोगा से निषाद बस्ती के लोग परेशान | #TejasToday केराकत, जौनपुर। स्थानीय थाना क्षेत्र में बीती शाम कोतवाली के मनबढ़ दरोगा सुदर्शन यादव द्वारा निषाद बस्ती में जाकर गालियां देते हुए फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी गयी। उक्त गांव निवासी प्रभाकर निषाद ने आरोप लगाते हुए बताया कि हमारे सगे भाई गांव के कई लोगों से पैसा जमा कराकर देने से इंकार कर रहे हैं। बता रहे हैं कि कंपनी भाग गई है, इसलिये अब पैसा नहीं मिलेगा। इसके बाबत प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने से प्रभाकर ने अपने भाई का खेत जाने वाले रास्ते को अवरूद्ध कर दिया। इस पर भाई द्वारा कोतवाली में मेरी शिकायत की गयी जिस पर उक्त मनबढ़ दरोगा मेरी अनुपस्थिति में परिवार के सदस्यों को गाली देते हुये मुझे सहित परिवार के सभी लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दिये। उक्त दरोगा की इस हरकत से जहां पीड़ित और परेशान हो गया, वहीं गांव के अन्य लोग दरोगा से परेशान होकर जिला व पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराये।

कोरोना संक्रमण के चलते 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प | #TEJASTODAY मछलीशहर, जौनपुर। स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं ने बैठक कर कोरोना संक्रमण को मद्देनजर 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य ठप्प रखने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रेम बिहारी यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को साधारण सभा की बैठक बुलाई गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये अधिवक्ता 19 सितम्बर तक न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। इस मौके पर अधिवक्ताओं ने कहा कि तहसील में वादकारियों व अधिवक्ताओं की बढ़ती भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है जिसके कारण संक्रमण का बराबर खतरा बना हुआ है। ऐसी स्थिति में एहतियात के तौर पर यह निर्णय अति आवश्यक है। बैठक में महामंत्री अजय सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश चंद्र सिन्हा, अशोक श्रीवास्तव, सुरेन्द्र मणि शुक्ला, जगदंबा प्रसाद मिश्र, नागेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव, विनय पाण्डेय, हरि नायक तिवारी, वीरेंद्र भाष्कर यादव, मनमोहन तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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