श्रेणी-सी परिसम्पत्तियों को बढ़ावा व महत्व देने की आवश्यकता: विमल
श्रेणी-सी परिसम्पत्तियों को बढ़ावा व महत्व देने की आवश्यकता: विमल
जितेन्द्र सिंह चौधरी/अतुल राय
वाराणसी। मनरेगा अन्तर्गत श्रेणी-सी परिसंपत्तियों को बढ़ावा एवं महत्व देने की आवश्यकता वर्तमान में है। उक्त बातें जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानंदपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, हैदराबाद के सहयोग चल रहे एनआरएलएम का मनरेगा के साथ अभिसरण कर कृषि पोषक वाटिका, सहजन वृक्षारोपण, श्रेणी-सी के कार्य एवं उन्नति विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के समापन अवसर पर प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह ने कही। प्रशिक्षण सत्र में सेवा निवृत्त मुख्य विकास अधिकारी हीरालाल द्वारा प्रशिक्षुओं को मनरेगा श्रमिकों के लिए कौशल विकास का परिचय और महत्व तथा पिछले कौशल विकास कार्यक्रमों का इतिहास पर विस्तार से जानकारी दी गई। इसी क्रम में सेवा निवृत्त जिला विकास अधिकारी डा. दयाराम विश्वकर्मा द्वारा प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए ग्रामीण भारत के लिए कौशल पहल और विभिन्न कौशल एजेंसियों के साथ अभिसरण की संभावना पर विस्तार से जानकारी दी गई। प्रशिक्षक सुरेश पाण्डेय ने प्रशिक्षुओं को सहजन वृक्षारोपण तथा इससे तैयार किए जाने वाले उत्पाद तथा सहजन को बढ़ावा देकर हम कैसे देश को कुपोषण मुक्त बनाने में अपना सहयोग दे सकते हैं के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अमरनाथ द्विवेदी, सुरेश तिवारी तथा खण्ड विकास अधिकारी दिव्या ओझा, रक्षिता सिंह, शरद चन्द्र शुक्ला, छोटेलाल तिवारी, राजेश बहादुर सिंह, विकास सिंह, बृजेश नारायण त्रिपाठी, दिलीप कुमार पासी, राजेश कुमार नायक एवं एपीओ राजन सिंह, सुरेन्द्र कुमार, आशीष कुमार सिंह, अनिल कुमार गौतम, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, दिलीप दुबे सहित जनपद वाराणसी, चन्दौली व संत रविदास नगर (भदोही) से 26 प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अंत में जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह ने सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र देकर प्रशिक्षण सत्र का समापन किया।
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