नाम नन्दी घोष, कर रहे पर्यावरण संरक्षण का उद्घोष
भारत भ्रमण पर निकला है एक उड़िया नवयुवक
साइकिल की कैरियर में बंधे कुछ सामान के साथ साइकिल चलाओ पर्यावरण बचाओ का दे रहा सन्देश
अतुल प्रकाश जायसवाल
चहनियां बाज़ार, चन्दौली। बीएससी कॉफी वाला के पास एक भाई मिल गए। साइकल पे सवार- पीछे रोजमर्रा की जरूरतों की पोटली बांधे-फहरता तिरंगा-आगे ‘साइकल चलाओ पर्यावरण बचाओ’ का संदेश। उत्सुकतावश राही को हमने बुलाया, परिचय के साथ यात्रा का उद्देश्य भी पूछा। नाम नन्दीघोष ओडिशा के बरगढ़ जिले के रहने वाले हैं। सम्पूर्ण भारत की यात्रा पे निकले हैं।
महत्व का यह है कि यह यात्रा साइकल से की जा रही है। 15 दिसम्बर को 101 दिन की यात्रा पूरी होते-होते 3000 किमी का सफ़र तय जर चुके हैं। अभी चार राज्यों से होते हुए उत्तर प्रदेश के चन्दौली जिले में हमसे टकराए। साथ मे चाय पीते-पीते बताया कि किस प्रकार मंदिर/आश्रम/स्कूल आदि में रात्रि विश्राम करते हुए वह आगे बढ़ रहे हैं। नन्दी घोष ने बताया कि एक छोटी पहल किंतु सम्मिलित पहल से ही धरती हो बचाया जा सकता है।
रोजाना लगभग 60 किमी तक साइकल चला रहे रहे नन्दीघोष आज रात्रि विश्राम बाबा फलहारी आश्रम, बलुआ घाट में करेंगे। सुबह तड़के वाराणसी के लिए निकलेंगे। पुनः प्रयागराज होते हुए लखनऊ की तरफ बढ़ेंगे। उनकी जिंदादिली और जीवटता ने एक विशेष आभामण्डल बना रखा है उनके चारों तरफ़। सौभाग्य से मिलना हुआ। चहनियां बाजार वासियों ने शुभकामनाओं सहित विदाई देते हुये पर्यावरण हितैषी आचरण का आश्वासन दिया।
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