आरक्षी के आत्महत्या मामले में गुत्थी अनसुलझी, परिजनों को सुपुर्द हुआ शव
आरक्षी के आत्महत्या मामले में गुत्थी अनसुलझी, परिजनों को सुपुर्द हुआ शव
26 नवम्बर वर्ष 2021 से यलो जोन की ड्यूटी कर रहा था सिपाही गगन राठी
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। यलो जोन ड्यूटी कर रहे आरक्षी गगन राठी की आत्महत्या की गुत्थी अनसुलझी है। शनिवार को पोस्टमार्टम केे बाद शव स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया है। फारेंसिक टीम ने कमरे से मिले सुसाइड नोट को परीक्षण के लिए सुरक्षित किया है। टीम ने मौके से अन्य साक्ष्य भी एकत्र किए हैं।
मुजफ्फरनगर के इटावा बुढ़ाना निवासी आरक्षी गगन 26 नवंबर वर्ष 2021 से रामनगरी के यलो जोन में ड्यूटी कर रहा था। गगन सप्तसागर कालोनी में किराए का कमरा लेकर रहता था। शनिवार की रात आरक्षी का शव कमरे में फंदे से लटकता मिला। कमरे से मिले सुसाइड नोट में गगन ने अपनी मौत का जिम्मेदार स्वयं को ही ठहराया है। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने भी मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। सूचना पाकर आरक्षी के स्वजन भी शनिवार की देररात अयोध्या पहुंचे। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन के सुपुर्द कर दिया गया।
क्षेत्राधिकारी आरके चतुर्वेदी ने बताया कि गगन राठी की तैनाती फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद थाना में थी। रामनगरी में ही वह सप्तसागर कालोनी में किराए के मकान में रहते थे। शनिवार शाम को मकान मालिक ने पुलिस को कमरा न खोलने की सूचना-112 नंबर पर दी। पुलिस मौके पर पहुंची, खिड़की से देखा तो अंदर सिपाही का शव पंखे के सहाने लटकता दिखा। सिपाही के आत्महत्या का कारण पता नहीं चल सका है। आरक्षी को भोजन एक टिफिन वाला पहुंचाता था। उससे भी पूछताछ की गई। उसका कहना है कि शुक्रवार को जब वह टिफिन लेकर पहुंचा तो गगन किसी से वीडियो काल पर बात कर रहा था। शनिवार को कमरा बंद था। पुलिस अब ये गुत्थी सुलझाने में लगी है कि गगन वीडियो काल पर किससे बात कर रहा था।
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