श्री जगन्नाथ स्वामी जी का महा प्रसाद वितरित
श्री जगन्नाथ स्वामी जी का महा प्रसाद वितरित
जयशंकर दूबे एडवोकेट/सूरज जायसवाल
सुल्तानपुर। श्रीमद भागवता कथा में कथा वाचक आचार्य अंकित त्रिपाठी जी महाराज ने कहा कि जनगग बेहद खास है। जगन्नाथ मंदिर में मिलने वाला महाप्रसाद, खुद माता लक्ष्मी करती हैं। भगवान जगन्नाथ की यात्रा का अपना महत्व है। जगन्नाथ मंदिर की रसोई दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां रसोई में बनने वाले महाप्रसाद का भी अलग महत्व है। समाजसेवी लक्ष्मी नारायण जायसवाल ने अपने गांव गजेन्द्रपुर जिला सुल्तानपुर में रखा जहां तमाम लोगों की उपस्थिति हुई।
बता दें कि श्री जगन्नाथ जी के प्रसाद को महाप्रसाद माना जाता है जबकि अन्य तीर्थों के प्रसाद को सामान्यतः प्रसाद ही कहा जाता है। श्री जगन्नाथ जी के प्रसाद को महाप्रसाद का स्वरूप महाप्रभु बल्लभाचार्य जी द्वारा मिला। कहते हैं कि महाप्रभु बल्लभाचार्य की निष्ठा की परीक्षा लेने के लिए उनके एकादशी व्रत के दिन पुरी पहुँचने पर मन्दिर में ही किसी ने प्रसाद दे दिया।
महाप्रभु ने प्रसाद हाथ में लेकर स्तवन करते हुए दिन के बाद रात्रि भी बिता दी। अगले दिन द्वादशी को स्तवन की समाप्ति पर उस प्रसाद को ग्रहण किया और उस प्रसाद को महाप्रसाद का गौरव प्राप्त हुआ। नारियल, लाई, गजा मूंग और माल पुआ का प्रसाद विशेष रूप से इस दिन मिलता है। इसी दौरान जौनपुर के नौपेड़वा बाजार निवासी पत्रकार सूरज जायसवाल, अशोक जायसवाल, उमाशंकर जायसवाल सहित अन्य लोगों को सम्मानित किया।
लक्ष्मी नारायण जायसवाल व गिरिजा जायसवाल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ज्वाला प्रसाद जायसवाल (पूर्व प्रधान), शिव प्रसाद जायसवाल, संतोष जायसवाल, आनंद जायसवाल, धर्मेंद्र जायसवाल, अभिषेक जायसवाल, आदर्श जायसवाल, अंकित, अभिनव, मोक्ष जायसवाल, बृजेश जायसवाल, शोभनाथ जायसवाल, बृजेश जायसवाल, त्रिलोकी प्रसाद जायसवाल, खदेरू जायसवाल, नन्द लाल जायसवाल, राम नारायण जायसवाल, श्याम लाल जायसवाल, राम लाल जायसवाल, सजन लाल जायसवाल के अलावा सुल्तानपुर, जौनपुर, आजमगढ़, इलाहाबाद, प्रतापगढ़ सहित आस—पास के काफइ लोग उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किये।
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