अक्टूबर में जारी हो सकती है बसपा प्रत्याशियों की सूची

अक्टूबर में जारी हो सकती है बसपा प्रत्याशियों की सूची

अजय कुमार
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी अक्टूबर में अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो हमेशा की तरह इस बार भी उम्मीदवारों के नाम जारी करने के में बसपा मामले में अग्रणी रहेगी। बीएसपी की मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती किसी भी चुनाव के लिए बसपा के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने के मामले में हमेशा ही तेजी दिखाती हैं। इसी के चलते वह कई माह पूर्व प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर देती हैं। वह जिस विधानसभा क्षेत्र में जिन प्रत्याशियों को चुनाव लड़ना चाहती हैं, उन्हें (प्रत्याशियों को) उस विधानसभा क्षेत्र का कोआर्डिनेटर बना देती हैं। बसपा सूत्रों के अनुसार बहन मायावती अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई हैं। गत दिवस लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश कार्यालय में फैजाबाद, देवीपाटन, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, आजमगढ़, प्रयागराज व मिर्जापुर मंडल के बसपा पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने संगठन को एक माह के भीतर पूरी तरह से चुस्त करने को कहा। मायावती ने कहा कि कमेटी के गठन और काडर बैठकों का काम समय से पूरा किया जाए।

बसपा सुप्रीमो ने मुख्य जोनल इंचार्ज को उम्मीदवारों का चयन कर उनकी घोषणा करने के निर्देश दिए। साथ ही मायावती ने अपने पदाधिकारियों से यह भी कहा कि वह कांग्रेस, भाजपा और सपा पर पैनी निगाह रखी जाय, क्योंकि तीनों पार्टियां बसपा के खिलाफ तरह-तरह के हथकंडे इस्तेमाल कर रही हैं। इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिरा दोहराया कि किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर कृषि कानूनों को वापस ले लेना चाहिए। सरकार ने किसानों को विश्वास में लिए बिना यह कानून लागू कर बड़ी गलती की है। इसी को देखकर भाजपा की राज्य सरकारें भी किसानों के साथ गलत व्यवहार करने लगी हैं। यूपी सरकार ऐसा न करे तो ही उचित होगा। उधर बसपा के पक्ष में ब्राह्मणों को साधने के लिए विभिन्न जिलों में ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने अब अपनी पत्नी कल्पना मिश्रा को भी ब्राह्मणों को मनाने के मोर्चा लगा दिया है। सतीश मिश्र ने लखनऊ में ब्राह्मण महिला सम्मेलन में योगी सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा राज में ब्राह्मणों को तथाकथित अपराधी बताकर एनकांउटर कर उनकी हत्या की जा रही है। अगर कोई अपराधी है तो पकड़कर जेल में डाले उस पर नियमानुसार मुकदमा चलाएं। अपराधी है तो न्यायालय दंड देगी।

यूपी में ‘आप’ के अकेले चुनाव लड़ने से और बढ़ेगा वोटों का बंटवारा
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) किसी भी दल से कोई समझौता नहीं करेगी। सभी 403 विधानसभा सीटों पर आप अपने प्रत्याशी उतारेगी। ‘आप’ के इस ‘ऐलान’ के बाद इसके राजनैतिक निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं। किसको फायदा होगा? किसको नुकसान उठाना पड़ेगा? आम आदमी पार्टी दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश में भी फ्री में बिजली-पानी देने का दंभ भर रही है। इससे बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर तैयार कर रही समाजवादी पार्टी का भी खेल बिगड़ सकता है और बीजेपी को भी नुकसान हो सकता है। आप के फ्री वाले दांव से बसपा और कांग्रेस भी बेचौन हैं। अब यह तो समय ही बताएगा कि आम आदमी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव कितनी गंभीरता से लड़ती है लेकिन अभी तक तो यही लगता है कि आम आदमी पार्टी के सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह अभी तक प्रदेश की जनता के बीच अपनी जगह नहीं बना पाए हैं, बल्कि संजय सिंह के चलते पार्टी विवादों में ज्यादा फंसती जा रही है।

यदि इसके बाद भी आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल अपने नेता संजय सिंह को ही आगे करके यूपी चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित ही इसे सही निर्णय नहीं कहा जाएगा। आप यदि बिना किसी गठबंधन के चुनाव मैदान में कूदती है तो निश्चित ही वोटों का बंटवारा एक जगह और बढ़ जाएगा। उधर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके लिए उन्होंने पार्टी के सभी प्रदेश पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक तैयारियों शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होेंने यह भी कहा की पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन ने 2022 के लिए तैयारी शुरू कर दी है। आप सांसद ने कहा कि जिस तरह से पार्टी के तिरंगा यात्रा को लोगों का समर्थन मिल रहा है, उसे देखकर अब सभी विधानसभा क्षेत्र में यह यात्रा निकालने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा की भाजपा सरकार के शासनकाल में ऐसी तमाम घटनाएं हुई है जिससे तिरंगे की शान को ठेस पहुुंची, इसलिए लोगों के बीच जाकर राष्ट्रवाद की अलख जगाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक महीने तक चलाए गए सदस्यता अभियान में पार्टी ने करीब 1 करोड़ सदस्य बनाए हैं। इनके बल हम प्रदेश में संगठन को मजबूत करेंगे और चुनाव लड़ेंगे।

 

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