हत्या में नामजद दो सगे भाई समेत तीन को आजीवन कारावास की सजा
17 वर्ष पहले की थी 2 लोगों की हत्या
आरके शर्मा
बरेली। रामगंगा की कटरी में 17 वर्ष पूर्व हुए दोहरे हत्याकांड में अदालत ने 3 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। लगभग 17 वर्ष पूर्व रामगंगा कटरी में खेत में काम कर रहे दो लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। इस प्रकरण में अदालत में सिरौली डालचंद निवासी दो भाई सत्यपाल व तेजपाल व रमेश को दोषी करार दिया।
अदालत में जज अरविंद कुमार यादव ने तीनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा तथा 6000 रुपये प्रति व्यक्ति जुर्माना लगाया है। एडीजीसी क्राइम तेजपाल सिंह के अनुसार, वादी सोहनलाल ने थाना सिरौली में तहरीर देकर बताया था। गांव निवासी हर पाल की हत्या जनवरी 2006 में हो गई, जिसमें उसके ताराचंद सहित चार लोग नामजद थे।
उसी रंजिश के तहत 4 नवंबर 2006 को दोपहर करीब 3:00 बजे गांव के ही मैकूलाल सत्यपाल तमंचा लेकर रामसेवक तेजपाल व रमेश लाठियां लेकर गांव में आए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लोगों ने डर के कारण अपने दरवाजे बंद कर लिए। वे लोग वीरेंद्र को पकड़कर गांव से 2 किलोमीटर दूर रामगंगा की कटरी में ले गए और राम गंगा के किनारे जानवर चरा रहे उसके पिता रोशनलाल की गोली मारकर हत्या कर दी। विरोध करने पर वीरेंद्र की भी गोली मारकर हत्या कर दी। जिसकी सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने तीनों लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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