ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाली कम्पनियों पर कानूनी शिकंजा!
उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम 2021 से उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी: किशन भावनानी
गोंदिया। भारत तेज़ी के साथ डिजिटलाइजेशन का प्रसार कर डिजिटल इंडिया की ओर पूरी रफ़्तार के साथ आगे बढ़ रहा है और लगभग हर क्षेत्र को उस अनुरूप बनाने और बढ़ाने की प्रक्रिया, सुधार, अनुशंसा, नियम, विनियम, कानूनों को परिवर्तित या नियम बनाकर चुस्त-दुरुस्त करते जा रहे हैं। इस में आ रही बाधाओं को कानूनी अमलीजामा पहनाकर जनहित को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी क्रम में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 94 के खंड की शक्तियों का उपयोग कर उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम 2021 को अनुसूचित कर दिया है और सीधी बिक्री करने वाली मौजूदा संस्थाओं या कंपनियों को अब 90 दिन के अंदर इन नियमों का पालन करना होगा। साथियों बात अगर हम उपभोक्ताओं को सीधे बिक्री की करें तो इस संबंध में कंपनियों और संस्थाओं द्वारा एक पिरामिड स्कीम और धन प्रसारित स्कीम की चलाई जाती है जिसमें ग्राहकों से ग्राहकों की चेन बनाई जाती है और एक ग्राहक चार और चार ग्राहक 12 को अपनी चैनल में शामिल करते हैं, इसमें धन प्रसार या लाभ का सहारा लिया जाता है। केंद्र सरकार ने अब इसके लिए उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम 2021 अधिसूचित किया है।
ये नियम सीधी बिक्री के माध्यम से खरीदी या बेची गई सभी वस्तुओं और सेवाओं, सीधी बिक्री के सभी मॉडलों, भारत में उपभोक्ताओं को सामान और सेवाएं प्रदान करने वाली सभी सीधी बिक्री संस्थाओं, सीधी बिक्री के सभी मॉडलों में सभी प्रकार की अनुचित व्यापार कार्यप्रणालियों, एक सीधी बिक्री इकाई के लिए जो भारत में स्थापित नहीं है, लेकिन भारत में उपभोक्ताओं को सामान या सेवाएं प्रदान करती है, पर लागू होंगे। मौजूदा सीधी बिक्री संस्थाओं को इन नियमों के आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से नब्बे दिनों के भीतर इन नियमों का पालन करना अपेक्षित है। साथियों बात अगर हम उपभोक्ता कार्य खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा 28 दिसंबर 2021 को जारी पीआईबी की करें तो सीधी बिक्री कंपनी, संस्था और विक्रेताओं द्वारा निम्न कार्य प्रतिबंधित है।
(1) किसी पिरामिड योजना को बढ़ावा देना या किसी व्यक्ति को ऐसी योजना में नामांकित करना या सीधे बिक्री व्यवसाय करने की आड़ में किसी भी तरह से ऐसी व्यवस्था में शामिल करना।
(2) सीधी बिक्री व्यवसाय की आड़ में मनी सर्कुलेशन स्कीम में भाग लेना। सीधी बिक्री करने वाली संस्था और सीधे विक्रेताओं द्वारा इन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए यह नियम राज्य सरकार को निगरानी करने के लिए प्रत्येक राज्य सरकार को सीधी बिक्री वाले विक्रेताओं और सीधी बिक्री वाली संस्था की गतिविधियों की निगरानी या पर्यवेक्षण के लिए एक तंत्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान करते हैं। एक सीधी बिक्री वाला विक्रेता निम्नलिखित नहीं करेगा – बिना किसी पहचान पत्र और पूर्व नियुक्ति या अनुमोदन के किसी उपभोक्ता के परिसर में जाना,ऐसा कोई साहित्य प्रदान करें, जिसे सीधी बिक्री वाली संस्था द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है। किसी भी साहित्य या बिक्री प्रदर्शन साधन को खरीदने की संभावना की आवश्यकता है। बिक्री के अनुसरण में, कोई भी ऐसा दावा न करें जो सीधी बिक्री वाली संस्था द्वारा अधिकृत दावों के अनुरूप न हो।
ये नियम सीधी बिक्री करने वाले विक्रेताओं के लिए कुछ दायित्व प्रदान करते हैं जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ शामिल हैं-
(1) ऐसी संस्था के किसी भी सामान या सेवाओं की बिक्री, या बेचने की पेशकश करने के लिए सीधी बिक्री वाली संस्था के साथ पूर्व लिखित अनुबंध है।
(2) किसी भी बिक्री प्रतिनिधित्व की शुरुआत में, सच्चाई और स्पष्ट रूप से स्वयं की पहचान, सीधी बिक्री वाली संस्था की पहचान, व्यवसाय के स्थान का पता, बेची गई वस्तुओं या सेवाओं की प्रकृति और संभावना के लिए इस तरह के आग्रह के उद्देश्यों को स्पष्ट करें।
(3) सटीक और पूरी जानकारी, माल और सेवाओं का प्रदर्शन, कीमतों, क्रेडिट शर्तों, भुगतान की शर्तों, वापसी, विनिमय, धन वापसी नीति, वापसी नीति, गारंटी की शर्तें और बिक्री के बाद सेवा प्रदान करने वाले संभावित व्यक्ति को एक प्रस्ताव देना। नए नियम से निम्नलिखित बदलाव होंगे, अब इन कंपनियों के इस तरह से काम करने पर रोक रहेगी। वहीं नए नियम के हिसाब से अब इनमें से किसी भी कंपनी का डायरेक्ट सेलर बिना पहचान पत्र के किसी ग्राहक के घर जाकर सामान नहीं बेच सकेगा। साथ ही उसे अगर ग्राहक से मिलना है तो पहले अपॉइंटमेंट लेना होगा। वहीं डायरेक्ट सेलर अपनी तरफ से ऐसा कोई दस्तावेज या ब्रॉशर ग्राहक को नहीं सौंपेगा जो कंपनी से मान्य ना हो, ना ही अपनी तरफ से किसी तरह का कोई दावा करेगा। इतना ही नहीं उसे अपनी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी का नाम, पता वगैरह भी ग्राहक को बताना होगा. साथ ही वह जो सामान या सेवा ग्राहक को बेच रहा है उसकी कीमत, पेमेंट का तरीका, रिटर्न, एक्सचेंज, रिफंड और आफ्टर सेल सर्विस इत्यादि से जुड़ी पूरी जानकारी देनी होगी। कमीशन पर चलता है। पिरामिड स्कीम बिजनेस बिना पहचान सामान नहीं बेच सकेंगे। डायरेक्ट सेलर्स ग्राहक से मिलने से पहले लेना होगा अपॉइंटमेंट। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंतो हम पाएंगे कि ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाली कंपनियों संस्थाओं पर अब कानूनी शिकंजा कसा है!!! तथा सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाली कंपनियों की पिरामिड और धन प्रसार स्कीमों पर प्रोत्साहन देना प्रतिबंधित किया गया है तथा उपभोक्ता संरक्षण (सीधी बिक्री) नियम 2021 से उपभोक्ताओं के हितों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी।
संकलनकर्ता लेखक
एडवोकेट किशन सनमुखदास
भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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