अब जीना सीख लिया

अब जीना सीख लिया

हमने अपना जीवन अब जीना सीख लिया
मिलता है जो विष मुझको वह पीना सीख लिया।।
शिकवा न गिला है कहीं मेरी किस्मत ऐसी है
हम समझ नहीं पाये यह दुनिया जैसी है
रिश्ते नाते जो थे मैने पढ़ना सीख लिया
हमने अपना जीवन…………।।

जीवन से बढ़कर भी मैने जिसे चाहा था
गम अपना छिपा उसके जीवन को संवारा था
यह सबसे बड़ा धोखा मै जान न पाया था
बिन राग गीत अपना बेसुर हो गाया था
सरगम अब सात सुरों का मैने सीख लिया
हमने अपना जीवन………..।।

माया की नगरी है यहां कोई नहीं अपना
जिस पर सब अर्पन है वह है बस इक सपना
अधिकार जो अपनो का वह कब का टूट गया
समझा वह साथ मेरे पर कब का छूट गया
रिश्तों की फटी चादर मैने सीना सीख लिया
हमने अपना जीवन………..।।

जीवन वीरान बना रह गया अधूरा हूँ
भ्रम टूट गया मेरा मै सबमें पूरा हूँ
बस आस खुशी इतनी कम उमर बितानी है
जीवन जो बचा मेरा कदली का पानी है
जग नश्वर सब माया अपनो से हीं सीख लिया
हमने अपना जीवन ……………।।

जो ज्ञान है जीवन का अनमोल खजाना है
समझा न अगर इसको फिर क्यों पछताना है
मुख पर जो हंसी तेरी बाहर की निशानी है
गम से है भरा जीवन आंखों में पानी है
अन्तर्मन से जिस दिन भ्रम बन्धन टूट गया
समझो जीवन सुखमय तूने जीना सीख लिया।

रचनाकार——डाॅ. प्रदीप दूबे
(साहित्य शिरोमणि)
शिक्षक/पत्रकार

आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।

Jaunpur News: Two arrested with banned meat

JAUNPUR NEWS: Hindu Jagran Manch serious about love jihad

Job: Correspondents are needed at these places of Jaunpur

बीएचयू के छात्र-छात्राओं से पुलिस की नोकझोंक, जानिए क्या है मामला

600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA

Read More

Recent