Jaunpur News : रामनगर के तर्ज पर होती है शाहगंज की रामलीला
चन्दन अग्रहरि
शाहगंज, जौनपुर। नगर की ऐतिहासिक रामलीला की शुरु आत करीब 185 वर्ष पूर्व हुई थी।लीला मंचन के पूर्व पंडित अनन्त राम शर्मा ने रामनगर की रामलीला को देखा और फिर उसी के तर्ज पर रामलीला मंचन शुरू कराया। पंडित शर्मा करीब 185 वर्ष पूर्व स्थानीय नगर में रामलीला के मंचन की शुरु आत से पहले रामनगर गए और वहां पर दो दिन रहकर उस ऐतिहासिक रामलीला के मर्म को समझा। श्री शर्मा ने यह जान लिया कि लीला जितने अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ सके वह उतनी ही प्रभावी व प्रसिद्ध होगी। शायद यही वजह है कि रामनगर की तर्ज पर स्थानीय रामलीला का मंचन भी अलग-अलग स्थानों पर कराना शुरू किया।
लीला का मंचन पक्का पोखरा, कलेक्टरगंज चबूतरा व नई आबादी स्थित रामलीला मैदान के चबूतरे पर होने लगा। अब पक्का पोखरा पर नौ दिन व नई आबादी में तीन रात लीला खेली जाती है। इसके अलावा अन्य दिनों लीला का मंचन कलेक्टरगंज के चबूतरे पर रात में होता है। पंडित अनंत राम शर्मा के वंशज आज भी लीला के मंचन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। पंडित इंदूनाथ पांडेय ‘बैजू महराज’ लीला प्रमुख की भूमिका वर्षो से निभाते चले आ रहे हैं। रामलीला के शुरु आत के वर्षो में ब्रााह्माण परिवार के सदस्य लीला में प्रमुख पात्रों की भूमिका निभाते थे। अब नाट्य मण्डली लीला का मंचन करती है। यह रामलीला ऐतिहासिक है। अगल-बगल के जनपदों में भी प्रसिद्ध है। सफल आयोजन में नगर के प्रबुद्ध, युवा व व्यापारी वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।