Jaunpur News : आजादी के 74 साल बाद भी उपेक्षा के शिकार हैं शाहगंज के खिलाड़ी
खेल प्रेमियों में निराशा, खेल मैदान न होने से खिलाड़ियों में घोर मायूसी
कई बार मंत्री व विधायक दे चुके हैं आश्वासन, कोई पुरसाहाल नहीं
चन्दन अग्रहरि
शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय नगर में खेल का मैदान न होने से उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं खिलाड़ी। आजादी के 74 साल बीत जाने के बाद भी यहां क्षैत्र मे एक भी न स्टेडियम है और न ही खेल का मैदान शहर में केवल एक ही मैदान है रामलीला मैदान जिसमें गंदगी बहुत ज्यादा है। मैदान उबड़-खाबड़ है जिसमें खेल का होना असम्भव है। उक्त मैदान जो एक दिन के लिए मेला लगाने के लिए कोर्ट द्वारा मिला है। इस समय रामलीला कमेटी के कब्जे में है इस संबंध कई बार क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री को अवगत कराए गया परन्तु आज तक स्टेडियम न तो कोई खेल का मैदान ही चिन्हित किया गया।
मायूस खेल में अपना भविष्य तलाशने वाले नवयुवक काफी प्रयास के बावजूद भी आज तक असफल रहे। शाहगंज के नवयुवक एक दशक पुर्व फुटबाल, क्रिकेट, हाकी सहित अन्य खेलों में पूर्वांचल के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुके है। शाहगंज और जिले का नाम रोशन किया परंतु खेल का मैदान न होने के कारण इस खेल के क्षेत्र में पिछले एक दशक से कोई विकास नहीं हुआ, वरन खिलाड़ियों का पतन हो रहा है। खेल में अपना भविष्य तलाशने वाले नवयुवक खिलाड़ी मायूस हो रहे है। खिलाड़ियों और क्षेत्रीय जनता ने संबंधित अधिकारियों और सरकार और जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षित करते हुए गुहार लगाई है कि खेल में अपना भविष्य तलाशने वाले खिलाड़ियों का ध्यान रखते हुए खेल का मैदान या स्टेडियम की व्यवस्था कराई जाय।
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