ज़िंदगी मे हर चाहत पूरी हो जाए यह जरूरी तो नही

ज़िंदगी मे हर चाहत पूरी हो जाए यह जरूरी तो नही

मैं तेरा हो गया तू भी मेरी हो जाए यह जरूरी तो नही …
तुम मुझे मिल जाओ यह ख्वाब है मेरा…
मेरा हर ख्वाब पूरा हो जाए यह जरूरी तो नही…
तेरी बातें सुनकर खामोश सा हो गया हूँ मैं…..
हर बार मैं तुझे समझाऊं यह जरूरी तो नहीं….
हो सकता है नहीं हो तुम मेरी किश्मत में….
हर बार किश्मत का लिखा मिटा सकू यह जरूरी तो नही
हर बार तुझे अपने सही होने का एहसास दिला सकूं….
ऐशे अल्फ़ाज़ हर बार मुझे मिल जाए यह जरूरी तो नहीं….
तेरा मुझसे मिलना और मिलकर बिछड़ जाना शायद यही मेरी किश्मत….
हमेशा मिलकर साथ रह जाना जरूरी तो नही …..
सफलता तेरे कदम चूमे हर खुशी तुझे हासिल हो …
तू जो चाहें सब पूरा हो,हमेशा अधूरा रह जाना जरूरी तो नही
तू जिसकी भी हो अब उसी की रहना यार…..
हर बार मिलकर बिछड़ना जरूरी तो नही ….

युवा लेखक
शिवम कुमार गुप्ता

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