भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है भारतीय संविधान

भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है भारतीय संविधान

रविन्द्र शर्मा एडवोकेट
सिरसागंज, फ़िरोज़ाबाद। जिला विज्ञान क्लब फिरोजाबाद के कार्यालय पर संविधान दिवस के कार्यक्रम के अंतर्गत जिला समन्वयक अश्वनी जैन ने विद्यार्थियों को संविधान दिवस की प्रस्तावना को समझाते हुए उद्देशिका की शपथ ग्रहण कराई।

श्री जैन ने विद्यार्थियों को इस दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संविधान किसी भी देश की शासन व्यवस्था का मूल आधार होता है। इसमें शासन व्यवस्था से संबंधित समस्त प्रावधान निहित होते हैं। किसी भी शासन व्यवस्था के सफल संचालन के लिए संविधान का होना अति आवश्यक है। इसके अभाव में अव्यवस्था और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया।

भारतीय संविधान सभा की प्रथम बैठक अस्थायी अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षता में 09 दिसम्बर 1946 को हुई थी। भारतीय संविधान की दूसरी बैठक सभा के स्थायी अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में 14 अगस्त 1947 को विभाजित भारत के संविधान सभा के रूप में हुई थी। संविधान सभा के कुल सदस्यों की संख्या 389 निश्चित की गई थी। इनमें से 292 सदस्य प्रान्तों से, 93 सदस्य देशी रियासतों से तथा 04 सदस्य कमिश्नरी क्षेत्रों से निर्वाचित किए गए थे। संविधान सभा द्वारा 10 समितियों का गठन किया गया जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण समिति प्रारूप समिति थी जिसका गठन 29 अगस्त 1947 को तत्कालीन कानून मंत्री डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में किया गया था जिन्हें भारतीय संविधान का जनक माना जाता है।

प्रारूप समिति द्वारा कार्यवाही 30 दिसम्बर 1947 से शुरू की गई एवं संविधान का प्रथम प्रारूप भारत के संवैधानिक सलाहकार बी.एन. राव द्वारा बनाया गया। प्रारूप समिति की 141 बैठकें हुई एवं इसका प्रारूप फरवरी 1948 में प्रकाशित हुआ। संविधान सभा के कुल 11 अधिवेशन हुए एवं इसके प्रारूप पर 114 दिनों तक विचार विमर्श किया गया। सम्पूर्ण संशोधनों के पश्चात संविधान सभा ने इस प्रारूप को 26 नवम्बर 1949 में स्वीकार कर लिया, इसलिये भारत में प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा एवं इसको बनाने में लगभग 64 लाख रुपये व्यय हुआ। संविधान के अंतिम रूप में 395 अनुच्छेद और 08 अनुसूचियाँ थीं। भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस प्रकार भारत एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न गणराज्य बन गया। भारत का संविधान भारत की लोकतंत्र की आत्मा है। इस अवसर पर तमाम लोग उपस्थित रहे।

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