चन्द्रवंश व सूर्यवंश के वंशज एक हो जायं तो सत्ता पूर्णतः हाथ में होगी: ध्रुवचन्द जायसवाल

चन्द्रवंश व सूर्यवंश के वंशज एक हो जायं तो सत्ता पूर्णतः हाथ में होगी: ध्रुवचन्द जायसवाल

गोरखपुर। चन्द्रवंशी, सूर्यवंशी, हैहयवंशी, यदुवंशी, कुर्मी चन्द्रवंशी, क्षत्रिय, मौर्यवंशी, राजभरवंशी, छत्रपति शिवाजी महाराज, धनुर्धर पृथ्वीराज चौहान चन्द्रवंशी क्षत्रिय थे। कायस्थ आदि सैकड़ों जातियां चन्द्रवंशी क्षत्रिय हैं। आज भी अधिकतर चंन्द्रवंशियों की वर्तमान पहचान पिछड़ों, वैश्यों, दलितों, आदिवासी, सिख, जैन आदि अल्पसंख्यक वर्ग में वर्तमान में भी पहचान है। बड़ी संख्या 60 से 65% तक भारत में निवास करते हैं। एक हो जाओ तो सत्ता पुनः आप लोगों के हाथ में होगी। हम सभी लोगों के समाज के लिए सत्ता एवं विकास के दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे। उक्त बातें अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुव चन्द जायसवाल ने एक भेंट के दौरान कही।
साथ उन्होंने आगे कहा कि चंन्द्रवंशियों एवं सूर्यवंशियों में आपस में शादियां होती रही हैं जिसका पुराणों में पुख्ता सबूत है। सूर्यवंशी मनु महाराज की पुत्री ईला की शादी चंन्द्रवंशी महाराजा चन्द्र के पुत्र राजकुमार बुध की से हुई थी। यदुवंश की पुत्री सूर्यवंशी चक्रवर्ती सम्राट सगर से हुई थी। चंन्द्रवंशी महाराजा कृतवीर्य की शादी सूर्यवंशी महाराजा हरिश्चन्द्र की पुत्री पद्मनी से हुई थी। पद्मनी के पुत्र चक्रवर्ती सम्राट कार्तवीर्यार्जुन थे। इसके अलावा अनेकों प्रमाण हैं। एक खास वर्ग के 3% लोगों ने ऐसा षड़यंत्र रचा कि शादी-विवाह एक ही ग्रोत्र में होने लगे हैं। ग्रोत्र को आधार मानकर पिछड़ों व दलितों में गणना कर दिया इसका प्रभाव यह हुआ कि सभी एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हो गये। राज्य की सत्ता के लिए लड़ाई भी होने लगी। आज भी कमोवेश यही क्रम जारी है जिसका स्वरुप बदल गया है।
श्री जायसवाल ने कहा कि पूजीपतियों एवं मनुवादियों का पक्का गठजोड़ हो गया है। किसी भी पार्टी की सरकार हो आजादी से लेकर आज तक इनका हनक बनी हुई है। इधर कुछ हनक पर बहुत प्रदेशों कम हुई है। सभी पार्टियों में सक्रिय भूमिका में आ गये है। जिस दिन हम लोगों में राजनीतिक चेतना जागृत हुई, 3% मुठ्ठी भर लोगों का हनक अपने आप समाप्त हो जायेगी। जाति-आधारित जनगणना 3% मुठ्ठी भर लोग नहीं चाहते हैं। दो दिन पहले एक चैनल पर एक वरिष्ठ पत्रकार कांग्रेस, सपा एवं भाजपा के 3% वाले लोगों ने 12 से 16% तक अपनी जनसंख्या बताई किन्तु किसी ने जाति-आधारित जनगणना कराने की बात नहीं किया। सभी इसी संख्या के आधार मानकर बहस कर रहे थे, क्योंकि जाति-आधारित जनगणना से उनकी जनसंख्या उजागर/प्रकाशित हो जाने से उनकी जनसंख्या की पोल खुल जायेगी केन्द्र सरकार मे बड़ी संख्या में कैबिनेट मंत्री एवं राज्यों में बड़ी संख्या में हैं एवं बड़ी संख्या में संवैधानिक, प्रशासनिक एवं उच्च शैक्षणिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में कब्जा जमाये बैठे हैं, इसीलिए उनकी हनक है। जब चाहते हैं कि किसी भी पार्टी की सरकार हो, राज्यों में अस्थिरता पैदा कर देते है। सभी पार्टियों में एक रणनीति के तहत कार्यरत हैं। इसके लोग किसी भी पार्टी से लड़ते हैं तो मुठ्ठी भर लोग दलीय भावना को छोड़ अपने समाज को ही मतदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि मनुवादी संगठन के मुखिया के फरमान जारी होते ही पार्टी के सारे सिद्धान्त भूल जाते हैं तथा मुखिया के संस्था द्वारारा आर्थिक सहयोग भी मुहैया कराई जाती है तथा दुसरे को सिद्धांत का पाठ पढ़ाते हैं, ऐसी इनकी विशेषता है, इसीलिए बड़ी संख्या में चुनाव जीत जाते हैं और सत्ता की चाभी इनके कब्जे में रहती है। इनके चंगुल से निकलने का एक ही रास्ता है। यह किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े, इन्हें मतदान न करें। चाहे आप कितने बड़े भी पार्टी के समर्थक हो। जब चुनाव नहीं जीत पायेगे तो सत्ता की चाभी इनके हाथ से निकल जायेगी। तब किसी भी पार्टी की सरकार को अस्थिरता नहीं कर पायेंगे और न ही सरकार गिरा पायेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मनुवाद के बुने हुए मकड़जाल एवं इनके चंगुलों से बाहर निकलो। अपनी ताक़त को पहचानों एवं सत्ता में भागीदार बनो।

हमारे न्यूज पोर्टल पर सस्ते दर पर कराएं विज्ञापन।
सम्पर्क करें: मो. 7007529997, 9918557796



 

600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA, जानिए इसके फायदे, खुराक और किमत

हिन्दी दैनिक समाचार पत्र तेजस टूडे में विज्ञापन प्रतिनिधि या ब्यूरो चीफ के रूप में काम करने के लिए सम्पकर्म करें | #TejasToday

 

 

 

 

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Read More

Recent