तालाब पर बना लिये गये मकान, जिम्मेदार बने रहे खामोश
तालाब पर बना लिये गये मकान, जिम्मेदार बने रहे खामोश
लेखपाल व ग्राम प्रधान की निगरानी पर उठे सवाल
शिवेन्द्र नारायण तिवारी
प्रयागराज। जल संचय के दावे भले ही तमाम किए जा रहे हो लेकिन प्राचीन तालाबों के वजूद पर खतरा बढ़ रहा है। आबादी के तालाब को अतिक्रमणकारी पाट रहे ही थे, अब तालाब को अतिक्रमणकारियों द्वारा पाट कर उसमे घरों का निर्माण भी कर लिया गया है, तालाब पर मकान बनाते रहे, जिम्मेदार मूकदर्शक बने रहे। जिम्मेदारों ने अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं किया।
तालाब को पाट कर उसमे घर बनवा लिए गए और जिम्मेदार तब भी नहीं चेते। मामला शंकरगढ़ विकास खंड के देवरा ग्राम पंचायत का है। जहां साहितारा, देवरा इत्यादि तालाब पर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया। जिम्मेदार आंख बंद किए रहे नतीजा यह निकला कि तालाब में अतिक्रमणकारी घर बनाते रहे और कब्जा करते गए अब तालाब के एक हिस्से में पूर्णतः कब्जा कर लिया गया है जिससे लोगो को अपने खेतों तक जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
या यू कहे की खेतों तक जाने का रास्ता ही नहीं बचा जिसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन गांव के सत्ताधारी व भ्रष्ट नेताओ द्वारा मामला दबा दिया गया।ग्राम सभा की जमीन में कब्जा होता रहा और किसी भी लेखपाल व प्रधान की नजर नहीं पड़ी। अब तालाब के छोर पर अतिक्रमणकारियो का पूर्ण रूप से कब्जा हो गया है। जिसके चलते किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए घूम कर तालाब के दूसरे छोर से जाना पड़ता है और अतिक्रमणकारी और भी मनबढ़ होते जा रहे है।और कब्जे के साथ साथ तालाब के रास्तों पर भी रोक लगा रखी है जिससे कोई आ जा न सके।
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