पिसांवा की ग्रामसभा हरैया व हसनापुर में मिले मनरेगा घोटालो के संकेत
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। पिसावां ब्लाक से हमेशा ही घोटालो के जिन्न निकला करते है। पिसावां ब्लाक घोटालों की खान है और पिसावां ब्लाक एक ऐसा ब्लाक है जिसने बड़े-बड़े घोटालेबाज सचिवों के चेहरों को उजागर किया है। इस बार सचिव रिचा मिश्रा बेहद चचार्ओं के दौर से गुजर रही है।
जब कोई संवाददाता वर्जन मांगता है तो वह उसे पिसावां ब्लाक आने का न्यौता देती है। हकीकत न बताकर रिचा मिश्रा घोटालों को दबाना चाहती है। सचिव रिचा मिश्रा की कथनी और करनी में काफी अन्तर है अब रिचा मिश्रा के घोटालो के जिन्न धरातल पर आने लगे है। इस समय रिचा मिश्रा पर मनरेगा घोटालो को लेकर गम्भीर आरोप लग रहे है। बताया जा रहा है कि रिचा मिश्रा ने बिना काम कराये ही प्रधान से सम्पर्क करके मनरेगा का धन निकाला है। पिसावां ब्लाक की ग्रामसभा हरैया तथा हसनापुर में मनरेगा घोटालो के संकेत दिखाई दे रहे है।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामसभा हरैया की प्रधान ललिता देवी है । सचिव रिचा मिश्रा और ललिता देवी ने मिलकर मनरेगा की रकम को अपनी जागीर समझते हुए उस पर हाथ साफ कर दिया। सूत्रो द्वारा दावा किया जा रहा है कि ग्रामसभा में सरकारी इण्डिया मार्का हैण्ड पम्पों का रिबोर किया नही गया है और रिबोर के नाम पर लाखों रुपए का बंदर बांट किया गया है। दावा यहां तक किया गया है कि रिबोर केवल कागजों पर ही किया गया है जबकि ग्रामसभा हरैया में विकराल पेयजल संकट छाया हुआ है क्योकि जब हैण्ड पम्पों की कमी है और बिना रिबोर किये पैसे निकाल लिये गये है तो ऐसे हालातों में ग्रामसभा में पेयजल संकट तो बढ़ेगा ही। इसी तरह से ग्रामसभा हसनापुर में घोटालो को अंजाम दिये जाने की बात कही जा रही है। सरकारी इण्डिया मार्का हैण्डपम्प के नाम रिबोर के नाम पर यहां के ग्राम प्रधान रीमा देवी और सचिव रिचा मिश्रा में कथित घोटाले को अंजाम दिया है। सूत्रो द्वारा दावा किया जा रहा है कि यह दोनो ग्रामसभाएं सचिव रिचा मिश्रा ही देख रही है।
सूत्रो द्वारा दावा किया जा रहा है कि इसी तरह से ग्रामसभा हरैया और हसनापुर में स्ट्रीट लाइट घोटाला भी किया गया है। स्ट्रीट लाइटो को कागज पर लगाकर ग्रामसभाओं को चकाचौध कर दिया गया है जबकि हकीकत में इन ग्रामसभाओं में अंधेरा कायम हो जाता है कहीं भी उजाले का नाम नही है लेकिन कागजों पर शाम होते है यह ग्रामसभाएं सड़को पर दूधिया प्रकाश फेंकने लगती हैं। अगर मामले की जांच करवाई जाये तो हकीकत का पता चलेगा लेकिन पता यह भी चल रहा है इस घोटाले में स्टीमेट बनाने के नाम पर जेई ने अपना कमीशन सेट किया तो ब्लाक के अन्य जिम्म्ेदार अधिकारी भी इस खेल में शामिल है। इस मामले की गम्भीर से जांच होती है तो घोटालो का बड़ा खुलासा हो सकता है। इस सम्बन्ध में जब मनरेगा लोकपाल अरविन्द कुमार से बात की गयी तो उन्होने कहा कि मेरे पास अभी तक कोई लिखित शिकायत नही आई जिस दिन लिखित शिकायत आयेगी उस दिन जांच कर सख्त कार्यवाही की जायेगी। मेरा काम भ्रष्टाचार को रोकना है लेकिन जरूरी यह भी है कि पहले हमको शिकायत मिले इसके बाद हम कार्यवाही कर सकते है।
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