प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गौना कुसमांड में कभी नहीं आते स्वास्थ्य कर्मी
जयेश बादल
ललितपुर। जहां एक और योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वहां पर स्वास्थ्य केंद्र संचालित कर रही है तो वहीं दूसरी ओर उसी स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मी और अन्य स्टाफ कई दिनों तक स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाते जिससे इलाके के लोगों को स्वास्थ्य लाभ की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
ऐसे ही एक मामले में ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग उठाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील महरौनी अंतर्गत ग्राम गौना (कुसमांड) के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि ग्राम में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुये दस बर्ष गुजर जाने के बाद से आज तक किसी भी डाक्टर कि तैनाती नहीं की गयी। एक या दो बर्ष तक कर्मचारियों का आवागमन बना रहा, लगभग आठ बर्ष से आज तक अस्पताल न खोले जाने से अस्पताल परिसर में कंटीले पौधों की झाड़ी से अस्पताल पुरी तरह ढक चुका है। किसी भी ग्रामीण को जाने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है और और इलाके के ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं।
ग्रामीणों ने यह तक बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण में सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च किए गये, इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा हुआ है जिससे ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल में केवल सफाईकर्मी 8 दिन में केवल एक बार ही अस्पताल को खोलता है, वह भी अंदर की सफाई करके आधे घंटे बाद चला जाता है। इस तरह अस्पताल घास फूस तथा सांप बिच्छू कीड़े मकोड़ों का अस्पताल बना हुआ है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अस्पताल होने या ना होने से ग्रामीणों कोई लाभ नहीं मिल सका जिससे ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यदि किसी व्यक्ति को रात के वक्त किसी डॉक्टर की आवश्यकता पड़ती है तो ग्रामीण को तहसील मुख्यालय पर ही इलाज सम्भव हो पाता है। ऐसी स्थिति में किसी भी व्यक्ति की मौत भी हो सकती है जिस उम्मीदों के साथ सरकार ने गोना (कुसमाड) के अंदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लोगों के स्वास्थ्य के लिए बनाया था वही अस्पताल जंगल की तरह बना हुआ है। यहां केवल विगत दिवस 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन केन्द्र पर तिरंगा फहराया गया था। इस ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से किसी उच्च अधिकारी से जांच कर लापरवाह कर्मचारीयों पर उचित कार्यवाही करने व समय से अस्पताल खुलवाने की मांग की है।
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