गुरुजी बन गये दारोगा सद् कर्मों का मिला फल
गुरुजी बन गये दारोगा सद् कर्मों का मिला फल
निशा
रामगढ़ (कैमूर) बिहार। कौन कहता है कि बुने हुए ख्वाब सच्चे नहीं होते, मंजिलें उन्हीं को नहीं मिलती जिनके इरादे कच्चे, कर्म अच्छे नहीं होते। इसी को दारोगा बन साबित कर दिखाया कैमूर जिला अंतर्गत रामगढ़ प्रखंड के छेवरी गांव निवासी सूरज गुप्ता ने, बता दें कि सूरज गुप्ता छेवरी गांव के कौशल्या देवी व गोरख साह के पांच पुत्रों मे बड़े पुत्र हैं। पिता ने गांव मे ही छोटी सी परचून की दुकान चला कर गरीबी में बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान कराया।
इनकी संघर्ष की गाथाएं और प्रभु कृपा से सामयिक मदद भी इनके सफलता में बरदान सिद्ध हुए। गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इनको डीआईजी शाहाबाद छत्रनील सिंह ने दिनांक 19/10/22 को नियुक्ति पत्र प्रदान किया अभी ये पटना पुलिस लाइन मे कार्यरत हैं। 2007 मे 66 प्रतिशत अंक प्राप्त कर उच्च विद्यालय रामगढ़ से अपनी सफलता प्रारंभ करते हुए 2009 मे इंटरमिडियट साइंस से पूर्ण करते हुए 73 प्रतिशत अंक प्राप्त किया। 2012 मे ग्रेजुएशन पूरा कर इन्होंने आगे पढ़ाई करते हुए बीएड डिग्री की प्राप्ति की इसी दरम्यान इन्होंने रामगढ़ और नुआंव मे 2014 से योगदान न दिए की तिथि तक जाने तक छात्रों को जनरल कंपटीशन की तैयारी कराने लगे।इन्होंने बताते हुए कहा कि मेरे कोचिंग के माध्यम से लगभग 51 बच्चे सरकारी जॉब को प्राप्त कर चुके हैं।
पूर्व मे पांच बार इन्होंने बीपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन मेंस मे जाकर छूट जाते रहे। बताते चले कि 2019 मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री के हाथों इन्हे 50000 कि राशि प्राप्त हुई जिससे आर्थिक तंगी जैसी बोझ से मुक्त रहे। एक छोटा भाई इनके प्रयासों से आर्मी मे क्लर्क है जो सामयिक पारिवारिक मदद करते रहा। अच्छे कर्मों का फल एक दिन अवश्य मिलता है गुरुजी बन 51 बच्चों का कल्याण कर स्वयं बन गए दारोगा। इनके साथी सिसौड़ा गांव के निवासी चंदन बिंद ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से इनसे नजदीकियां बनी है जहां तक मेरी समझ बनी है केवल मै इतना ही इनके सफलता पर कह सकता हूं “होनहार बिरवान के होत चिकने पात” इनके दारोगा बनने से गांव सहित प्रखंड मे खुशी का माहौल है लोगों के साथ छात्र छात्राएं बधाईयां दे रहे हैं।
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