मेडिकल कालेज चलाने में सरकार विफल, धरने पर बैठे कर्मचारी
तीन माह से वेतन न मिलने से नाराज हैं कर्मचारी
नरेश कुमार
पीलीभीत। गाजे-बाजे के साथ शुरू किए गए मेडिकल कालेज को चलाने में सरकार फिलहाल विफल नजर आ रही है। स्टाफ की कमी से जूझ रहीं स्वास्थ्य सुविधाएं मंगलवार सुबह तब दम तोड़ गईं जब मेडिकल कालेज का पूरा स्टाफ धरने पर बैठ गया। वजह जायज़ थी, नोडल प्राचार्य समेत मेडिकल कालेज के अधीन कार्यरत डॉक्टरों, पैरामेडिकल, नर्सिंग व नान-मेडिकल कर्मचारियों को बीते तीन माह से वेतन नहीं मिला था। कर्ज लेकर काम चला रहे कमर्चारियों के सब्र का बांध टूट गया जब उनके घरों में बैंक से लोन की किश्त चुकाने के नोटिस आने लगे। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के सभी चिकित्सक व कर्मचारी मंगलवार सुबह से ही कैंपस स्थित पार्क में धरने पर बैठ गए। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समिति के बैनर तले शुरू हुए धरने में कर्मचारियों ने तीन माह से वेतन न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की, साथ ही भविष्य के लिए वेतन रेगुलाइज करने की मांग की। कर्मचारियों की तेज होती हड़ताल को लेकर स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं। इमरजेंसी व ओपीडी समेत अन्य सभी स्वास्थ्य सुविधाएं बंद कर दी गईं। कर्मचारियों की हड़ताल पर लखनऊ तक हड़कंप मच गया। आनन फानन में सीएमओ डा. आलोक कुमार व नोडल प्राचार्य डा. संजीव सक्सेना कर्मचारियों से बातचीत करने पहुंचे लेकिन बातचीत विफल रही। इसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर सीडीओ धर्मेंद्र प्रताप सिंह स्वास्थ्य कर्मचारियों को मनाने आये लेकिन कर्मचारियों ने जिलाधिकारी से वार्ता कर ठोस समाधान लाने की मांग की। तीनों अधिकारी जिलाधिकारी से वार्ता करने कलेक्ट्रेट पहुंचे। इसके बाद सीएमओ डा. आलोक कुमार ने कर्मचारियों लिखित आश्वासन पत्र सौंपा जिससे संतुष्ट होकर स्वास्थ्य कर्मचारी काम पर वापस लौट आए। कर्मचारियों के वापस लौटने से रोगियों को राहत मिली।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।