ट्रांसफार्मर फैक्ट्री में कर्मचारियों को बंधक बनाकर लूटा गया लाखों का माल
अखिलेश श्रीवास्तव
लखनऊ। जनपद के चिनहट स्थित देवा रोड इंडस्ट्रियल एरिया में शुक्रवार देर रात हथियार लैस बदमाशों ने ट्रांसफार्मर फैक्टरी में धावा बोल दिया। बदमाशों ने फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों को एक कमरे में बंधक बनाकर लगभग 70 लाख रुपये की कीमत का कॉपर वायर गाड़ी में भरकर फरार हो गये। 8 से 10 बदमाशों ने बड़ी तसल्ली के साथ 2 घंटे में वारदात को अंजाम दिया। चिनहट थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ बनती धाराओं में केस दर्जकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी हैं
प्राप्त जानकारी के अनुसार देवा रोड पर बालाजी ट्रांसफार्मर नाम से फैक्टरी है। इस फैक्टरी में ट्रांसफर का काम होता है। शुक्रवार रात यहां पर सुपरवाइजर विमल कश्यप, कर्मचारी नितेश कुमार, विक्रम कश्यप, अजीत सिंह कश्यप, केयर टेकर चौथी यादव और सिक्योरिटी गार्ड राम आधार थे। देर रात करीब 1 बजे यहां पर 8 से 10 बदमाश आ धमके और सभी को जान से मारने की धमकी देकर हाथ पैर बांध दिये। कर्मचारियों के शोर मचाने और चीखने—चिल्लाने पर बदमाशों ने उनकी पिटाई कर दी जिसके बाद सभी को एक कमरे में ले जाकर बंद कर दिया। इसके बाद सभी का मोबाइल और करीब 17 हजार रुपए लूट लिया।
कर्मचारियों ने बताया कि बदमाशों ने उन्हें बंधक बनाने के बाद एक बदमाश उनके कमरे में ठहर गया जबकि बाकी फैक्ट्री के अंदर से कॉपर की तार को लूट कर गाड़ी में लोड कर लिया। थोड़ी ही देर बाद गाड़ी स्टार्ट होने की आवाज आयी। बदमाशों के भागने पर सभी किसी तरह कमरे से बाहर आये। फैक्ट्री का गेट भी बाहर से बंद था। सभी कर्मचारी डरे सहमे हुए थे। इसके बाद मामले की सूचना फैक्ट्री मालिक संजीव अग्रवाल को दी गयी। घटना की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया मौके पर पुलिस बुलाई गयी। जांच में पाया कि बदमाशों ने तकरीबन 6500 किलो कॉपर, रिले गैस सिलेण्डर और एक मजदूर का मोबाइल लूट की वारदात को अंजाम दिया है।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल सहित आस—पास के एरिया में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया है। शुरुआती जांच में आशंका जताई गई कि आरोपी डीसीएम गाड़ी से आए थे जो फैक्टरी के बाहर लगती दीवार से खड़ी किया था। घटनास्थल पर टायर के निशान मिले हैं जो बताते हैं कि किसी बड़ी गाड़ी के टायर के निशान है।
डीसीपी पूर्वी ने बताया कि वारदात को बाद स्थानीय पुलिस के अलावा सर्विलांस, क्राइम ब्रांच की 5 टीमें गठित की गई हैं। यह टीमें क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी हैं। कई बिंदुओं पर भी गहनता से जांच की जा रही है। वहीं शुरुआती जांच में मामला संदिग्ध भी बताया जा रहा है। फैक्ट्री में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल को भी सर्विलांस पर लगाया गया है जबकि एक कर्मचारी की भी भूमिका पर आंशका जताई जा रही है। हालांकि अभी तक बदमाशों के बारे में अहम सुराग मिलना पुलिस के चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
पुलिस ने आशंका जताई कि वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को सटीक मुखबिरी की गई है। इसके बाद किसी परिचित व अपने ने बदमाशों को संग मिलकर इस वारदात की साजिश रचकर वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने पुरानी रंजिश, वर्चस्व और मुखबिर में शामिल अपने की भूमिका पर संदेह जताया है। हालांकि कई पहलुओं में पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।
आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।