रूद्राभिषेक कर दुःख एवं रोग से छुटकारा पायें और धन-सम्पत्ति बढ़ायें
रूद्राभिषेक कर दुःख एवं रोग से छुटकारा पायें और धन-सम्पत्ति बढ़ायें
आकाशदीप
शाहजहांपुर। आदर्श दिव्यांग कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा का आयोजन रामलीला मैदान खिरनी वाग में कराया जा रहा है। कथा प्रागण में आशुतोष तिवारी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं उनकी धर्मपत्नी नीलनल तिवारी, सिविल जज वरूण राठौड जिला दिव्यांग अधिकारी एवं उनकी धर्मपत्नी अजिंता सिंह, सिविल जज गौरव मिश्रा जिला प्रोवेशन अधिकारी सपत्नी ने व्यास पीठ का पूजन किया। कथा प्रागण में व्यास पीठ पर उपस्थित परम पूज्य संत प्रशान्त प्रभु जी महाराज के श्री मुख से भक्तों ने कथा का श्रवण किया।
महाराज जी बताया कि जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक कर के देखें निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी उपाय है। श्रावण मास या शिवरात्रि के दिन यदि रुद्राभिषेक किया जाये तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। जीवन में कोई कष्ट हो या कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक कर के देखें निश्चित रूप से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होगी। रुद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। शिवरात्रि, प्रदोष और सावन के सोमवार को यदि रुद्राभिषेक करेंगे तो जीवन में चमत्कारिक बदलाव महसूस करेंगे।
रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ के बारे में उन्होंने बताया कि जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है। असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें। भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें। लक्ष्मी प्राप्ति के लिये गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। धन-वृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें। तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है। पुत्र प्राप्ति के लिए गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें। रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है। ज्वर की शांति हेतु शीतल जल गंगाजल से रुद्राभिषेक करें। सहस्रनाम-मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है। शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जडबुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है। सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है। शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है। इस अवसर पर आयोजन समिति के मुख्य आयोजन हरीशरण वाजपेयी, हरिओम मिश्रा, डा. विजय पाठक, नीरज वाजपेयी, अशोक गुप्ता, उद्योगपति मुनेश्वर सिंह, डा. सत्य प्रकाश मिश्रा, नरेन्द्र सक्सेना आदि उपस्थित रहे।