2 साल 27 दिन से कोमा में है गौरी वंदना
नहीं झेल पायी ससुरालियों के ताने
तेजस टूडे ब्यूरो
सोनू सिंह
आगरा। आगरा के एक परिवार की दर्द की दास्तां सुनकर शायद आप की भी रूह कांप उठेगी। परिवार का करुण क्रंदन और 2 साल 27 दिनों का वह समय, जिसे जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। शादी के बाद से ही एक नवविवाहिता पर उसके ससुरालीजनों ने बेटा पैदा करने का दबाव डाला। डिलीवरी के दिन जब महिला ने बेटी को जन्म दिया तो बेटा पैदा न होने पर ससुरालियों ने विवाहिता का इतना ज्यादा शोषण करना शुरू कर दिया कि वह महिला कोमा में चली गई। आज महिला को कोमा में गए हुए 2 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है और वह अपने मासूम बेटी की शक्ल तक नहीं देख पाई है।दरअसल यह मामला है।
आगरा शमशाबाद मार्ग स्थित ताजगंज थाना क्षेत्र के गांव रजरई का। यहां के रहने वाले त्रिलोकी नाथ वर्मा ने अपनी बेटी गौरी बंदना का विवाह शाहगंज थाना क्षेत्र के नरीपुरा के रहने वाले त्रिवेंद्र कुमार के साथ में किया था। त्रिवेंद्र इस समय गाजियाबाद में रेलवे विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर मौजूद है।डिलीवरी के बाद ही कोमा में गयी गौरी पढ़ाई में अब्बल एमएससी की टॉपर गौरी वंदना को यह नहीं मालूम था। कि उसके जीवन में इतना बड़ा पहाड़ टूट जाएगा कि वह ख़ुशहाल जिंदगी के लिए तरस जाएगी। गौरी के परिवार के लोग कहते हैं। कि शादी के बाद से ही ससुराल के लोगों ने गौरी को बेटा पैदा करने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।। गौरी वंदना पर लड़का होने का दबाव बनाया जा रहा था। आगरा के लेडी लायल अस्पताल में जब गौरी वंदना की डिलीवरी हुई तो गौरी ने एक बेटी को जन्म दिया। बस यहीं से गौरी का शोषण और ज्यादा शुरू हो गया था और गौरी उसी दिन से कोमा में चली गई।
बेटी नहीं पहचानती अपनी माँ को हैरत की बात यह है। कि 2 साल 27 महीने से कोमा में रहने वाली गौरी वंदना ने आज तक अपनी बेटी की शक्ल तक नहीं देखी तो वहीं बेटी भी आज तक अपनी मां को नहीं पहचानती है। जहां उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रही है तो वहीं आज भी समाज में ऐसे दरिंदे मौजूद हैं। जो बेटी के नाम पर बेटियों का शोषण कर रहे हैं।आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार एक तरफ विवाहिता गौरी वंदना 2 साल 27 दिन से कोमा में है। ससुराल के लोगों ने कोई हालचाल नहीं लिया। वहीं गौरी के पिता त्रिलोकी नाथ वर्मा रिटायर है। समस्या गंभीर है। त्रिलोकी नाथ वर्मा पर गौरी के अलावा तीन और बेटियां भी हैं। इस परिवार पर कोई बेटा नहीं है। ऐसे में त्रिलोकी नाथ वर्मा की जो भी पेंशन आती है। उस पूरी पेशन का खर्चा गौरी के इलाज में खर्च हो जाता है। अब परिवार के सामने रोजी रोटी और आर्थिक तंगी की एक विकराल समस्या खड़ी हो गई है।
पिता का आरोप है। कि ससुराल के लोग कोई मदद नहीं कर रहे हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार और न्याय की गुहार लगा रहा है। ऐसे में ससुराल के लोगों ने झूठे मुकदमे कायम कराकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
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