विधानसभा पहुंचना किस प्रत्याशी के लिये है अंगारों भरी डगर
चुनाव प्रचार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर बढ़ा रहा घमासान
मतदाताओं के बीच अपनी अहमियत बनाने में जुटे प्रत्याशी
विशाल रस्तोगी
सीतापुर। सदर सीट पर चुनावी घमासान अपनी चरम स्थिति पर पहुंच चुका है। सदर सीट की राहें किसके लिए अंगारों भरी साबित हो रही हैं यह तो तय नहीं किया जा सकता लेकिन सीतापुर सदर सीट के लिए भाजपा प्रत्याशी राकेश राठौर गुरु सपा प्रत्याशी राधेश्याम जयसवाल कांग्रेस प्रत्याशी शमीना शफीक और बसपा प्रत्याशी खुर्शीद अंसारी अपना दमखम आजमा रहे हैं।
अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने में लगे हुए हैं लेकिन इन सबकी राजनीतिक बिसात को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने के लिए बागी हुए नेता पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। एक तरफ भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा के प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने अपनी रीतियां और नीतियों को जनता के सामने रख रहे हैं।
दूसरी तरफ बागी नेता इन प्रत्याशियों के मतदाता को मोहित करने वाले लुभावने किले को मतदाताओं के सामने ध्वस्त करने में लग गए हैं। सदर सीट पर चुनावी घमासान में आरोप और प्रत्यारोप को की झड़ी लग चुकी है।
कहीं पर कोई किसी पर आरोप लगा रहा है तो कोई पलटवार कर आरोपों का खंडन कर रहा ।है कहीं बागी हुए दावेदार प्रत्याशी जिन को टिकट नहीं मिला। वह रूठे हुए बालक की तरह एक दूसरे की पोल पट्टी खोलने में लग गए हैं।
कोई जनता के सामने अपनी सफाई पेश कर रहा है तो कोई खुद को गंगा की तरह पवित्र बता रहा है। सीतापुर सदर सीट की इस बिगड़ी हुई राजनीतिक बिसात पर कौन लखनऊ की राहे तय करता है यह तो आने वाली 10 मार्च को ही पता चलेगा लेकिन आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला कब तक चलेगा यह कोई नहीं बता सकता।बरहाल मतदाता को यह तय करना है कि वह विधानसभा लखनऊ के लिए किस की राहें आसान करेगा और जनता के लिए विकास का रथ लेकर आएगा।