आरके धनगर
मथुरा। दो दिन पहले शिकायत मिलने पर एसएसपी ने बरसाना थाना प्रभारी को निलंबित किया था। रिश्वत लेकर सटोरिये को छोड़ने और फिर उस पर कार्यवाही करने के मामले की हुई शिकायत के बाद बैठी जांच में दोषी पाए जाने पर शनिवार एसएसपी ने गोवर्धन के थाना प्रभारी सहित एक उपनिरीक्षक और तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
8 मई को बीट दरोगा योगेश कुमार ने मयंक पुत्र प्रदीप निवासी कस्बा गोवर्धन को सट्टे के आरोप में हिरासत में लेकर सट्टे का मुकदमा दर्ज कर दिया। आरोप है कि रात में एक दलाल के माध्यम से पुलिस को चालीस हजार देकर मयंक को पुलिस हिरासत से मुक्त करा लिया था। इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत आरोपी मयंक ने एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर से की। एसपी ग्रामीण श्रीशचंद्र ने प्रकरण की जांच में आरोपी द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि कर एसएसपी को आख्या प्रेषित कर दी थी। मामले की जानकारी देते हुए गोवर्धन सीओ गौरव कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सट्टे के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसे पैसे लेकर छोड़ने के मामले में एसएसपी ने शनिवार सुबह गोवर्धन थाने के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार द्विवेदी, बीट दरोगा योगेश कुमार, कांस्टेबल पवन कुमार यादव, मनोहर सिंह व अमित कुमार को निलंबित कर दिया। इस प्रकरण में गोपनीय जांच चल रही है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। दो दिन पहले बरसाना थाना प्रभारी को किया था निलंबित
एसएसपी गौरव ग्रोवर ने गुरुवार को बरसाना थाना प्रभारी मुकेश मलिक को निलंबित किया था। मुकेश मलिक के खिलाफ कैंटीन संचालक ने शराब और रुपये मांगने की शिकायत की थी। जिस पर जांच के बाद एसएसपी ने सख्त रुख अपनाते हुए निलंबित कर दिया और विभागीय जांच के आदेश दे दिए।
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