सूखी नहर से पिछड़ रही खेती, किसान परेशान
जयशंकर दूबे एडवोकेट/राजीव शुक्ल
धम्मौर, सुल्तानपुर। स्थानीय क्षेत्र में सूखी नहरें किसानों को विचलित कर रही है। धान की नर्सरी डालने के लिए किसानों को पानी की आवश्यकता है। नहरें सूखी पड़ी हैं जबकि बिजली की आपूर्ति न होने से नलकूपों से भी पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की है। समय रहते अगर पानी नहीं मिला तो किसान बेरन नहीं डाल पाएंगे। आसमान से बरस रही आग से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के शारदा सहायक खंड 49 नहर में पानी नहीं हैं, नहर सूखी पड़ी है। नहर पोखरे सूखे पड़े होने के कारण किसानों के सामने सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है। धान की नर्सरी तैयार करने का काम भी पिछड़ रहा है। पानी न आने से किसानों के सामने खासी दिक्कत हो रही है। पलेवा करने के बाद कई बार जुताई कर खेत में पानी भरकर पौध डाली जाती है। पौध को हर दिन सूर्यास्त के समय पानी भी देना पड़ता है। किसानों का कहना है कि हर साल 20 मई से पांच जून तक धान की पौध डाल दी जाती है। इस बार अधिक गर्मी से खेतों का पलेवा भी नहीं हो सका है। अब नहर में पानी बंद हो गया है।
किसान लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, अवधेश मौर्या, बृज लाल गुप्ता, अनिल मौर्या, रमेश वर्मा, झूरी वर्मा, गया शुक्ला, शिव कुमार गुप्ता व भाजपा नेता मनीष सिंह का कहना है कि धूप तेज होने से धान बीज के जमावन में परेशानी आ सकती है। नहर में पानी न आने की वजह से गांव में खोदे गए मनरेगा योजना से तालाबों का पानी सूख गया है। इस भीषण गर्मी में पशु पक्षी पानी के बिना बेहाल घूम रहे हैं। पानी न मिलने से बेरन सूख रही है। तालाबों में पानी नहीं है। ऐसे में इस भीषण गर्मी में पशु पक्षी पानी के लिए बेहाल है।
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