सरसों की बुवाई 10 तक करके अच्छी पैदावार बढ़ा सकते हैं किसान: राकेश कुमार
सरसों की बुवाई 10 तक करके अच्छी पैदावार बढ़ा सकते हैं किसान: राकेश कुमार
देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ। सरसों की बुवाई को लेकर किसान हमेशा सक्रिय भूमिका निभाते हैं। कम लागत में अधिक से अधिक पैदावार बढ़ाई जा सके इस विषय को लेकर अपने जिम्मेदार लोगों के साथ किसान भाइयों से भी संपर्क बनाए रहते हैं लेकिन कृषि क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके है कृषि वैज्ञानिक राकेश कुमार सिंह कोटवा से जब बात की गई तब उन्होंने सरसों की पैदावार पर एक महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिया की सरसों की बुवाई कब की जाए किस तरह से उसका दवा इलाज कर उसको जांचा और परखा कैसे जाए एक साथ कई बिंदुओं पर उन्हें ढेर सारी जानकारी दी उन्होंने बताया कि पहले गांव में एक कहावत कही जाती थी ‘किसान चादर ओढ़ कर सो न सके’ तब समझिए सरसों की बुवाई का समय आ गया।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए आज के दौर में आर यस 749, आर यस 725 एवं गिरिराज की बुवाई करने के लिए 1 एकड़ में 1 किलो सरसों की आवश्यकता होती है इसमें ध्यान देने वाली बात यह होती है एक सरसों के पेड़ से दूसरे सरसों के पेड़ की बीच की दूरी कम से कम एक फिट से डेढ़ फीट की दूरी होनी चाहिए बुवाई करते समय अमोनियम फास्फेट सल्फेट का प्रयोग करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह भी है सलफर युक्त उर्वरक का प्रयोग पैदावार बढ़ाने के लिए खेत में करते है विकल्प में20-20-0-13 का प्रयोग कर देना चाहिए और यह 10 नवंबर तक बुवाई करनी चाहिए बूवाई के पश्चात कम से कम 30-35 दिन के बाद पानी दे देना चाहिए सप्ताह भर बाद 35 किलो यूरिया प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर देना चाहिए दूसरा पानी 35 दिन के बाद दे देना चाहिए सरसों में विकास होने के साथ कई रोग दिखाई देने लगते हैं जिसके इलाज के लिए अगर मांहो जो ठंड के महीने में बढ़ने लगता है तापमान कम होने के कारण यह रोग बढ़ने लगता है।
उसके इलाज के लिए इमिडा क्लोप्रीड एक मिलीलीटर 2 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए एकऔर रोग अल्टरनेरिया इस रोग में सरसों के पत्ते पर गोल गोल छल्ले दिखाई देने लगते हैं। इसके इलाज के लिए मैंकोजेब, कार्बेन्डाजिम 2:30 से 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि लगातार नजर बनाए रखने से समय-समय पर दवा इलाज आवश्यकतानुसार ध्यान देने पर 1 एकड़ में अनुमानित 8 से 10 क्विंटल तक पैदावार सरसों की बढ़ जाती हैं।
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