भाजपा के लिये ‘टोटके’ सरीखे रहे हैं अयोध्या में डा. त्रिपाठी
वर्ष 2012 में बदला क्षेत्र तो अयोध्या हार गयी भाजपा
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। डा. बांके बिहारीमणि त्रिपाठी वह शख्स हैं जो विधानसभा चुनाव में अयोध्या में भाजपा के लिए ‘टोटके’ सरीखे रहे हैं। वर्ष 1991 से ही विधानसभा चुनाव में अयोध्या में उनके संयोजन में भाजपा अपराजेय रही। इस दौरान सिर्फ एक बार उनका क्षेत्र बदला तो भाजपा अयोध्या जैसे अभेद्य दुर्ग से चुनाव हार गई थी। भाजपा के दो बार जिलाध्यक्ष रहे डा. त्रिपाठी साकेत महाविद्यालय में प्राध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। बाल आयु से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे डा. त्रिपाठी अयोध्या में भाजपा के लिए बेहद भाग्यशाली माने जाते हैं। जनसंघ से जुड़े रहे डा. त्रिपाठी भाजपा के पहले अयोध्या के नगर उपाध्यक्ष थे। इसके बाद वे तीन बार जिला उपाध्यक्ष रहे हैं।
पहली बार वे वर्ष 1991 के चुनाव में भाजपा के अयोध्या के संयोजक बनाए गए थे। तत्समय मौजूदा सांसद लल्लू सिंह सिंह ने पहली बार अयोध्या में कमल खिलाया था। वर्ष 1991 के साथ ही 1993, 1996, 2002, 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में लल्लू सिंह ने अयोध्या को भाजपा के अभेद्य दुर्ग के रूप में तब्दील कर दिया और अयोध्या में ये चुनाव डा. बांके बिहारीमणि त्रिपाठी के संयोजक रहते लड़ा गया। यहां तक कि वर्ष 2007 में अयोध्या से कद्दावर नेता दिवंगत बेनी प्रसाद वर्मा ने भी कांग्रेस से चुनाव लड़ा, लेकिन लल्लू सिंह से पराजित हो गए थे। इसके बाद वर्ष 2012 में डा. त्रिपाठी को बीकापुर का चुनाव संयोजक बना दिया गया और भाजपा का अभेद्य दुर्ग भी इसी चुनाव में ढह गया था। तत्समय अयोध्या से अपराजेय माने-जाने लगे लल्लू सिंह सपा के तेज नारायण पांडेय पवन से चुनाव हार गए। वर्ष 2017 में उन्हें फिर से अयोध्या का विस चुनाव का संयोजक बनाया गया और भाजपा ने ऐतिहासिक जीत पाई। इस बार भी वे ही भाजपा के अयोध्या के चुनाव संयोजक हैं।