अनशन पर बैठे डा. सम्पूर्णानन्द की तबियत बिगड़ी, जिला अस्पताल में भर्ती
सपा शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. सीपी गुप्ता सहित अन्य ने जाना हाल
अजय जायसवाल
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व संविदा शिक्षक डा. सम्पूर्णानंद मल्ल का आमरण अनशन आज ग्यारहवें दिन भी जारी रहा। बताते चलें कि वे डीडीयू के कुलपति को बर्खास्त किए जाने, शिक्षकों के निलंबन और वेतन कटौती के साथ प्री पीएचडी शोधार्थियों पर दर्ज आपराधिक मुकदमे की वापसी एवँ उनके परीक्षा अधिकार की बहाली की मांग कर रहे हैं।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के शिक्षक डा. संपूर्णानंद मल्ल विभिन्न समस्याओं जैसे रिसर्च स्कालर्स पर संविधान के विरुद्ध प्राथमिकी, प्रो. कमलेश गुप्ता के सस्पेंशन का आदेश, 8 शिक्षकों की एक दिन की सैलरी काटने के आदेश कुलपति के तानाशाही रवैया से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की अस्मिता बचाने तथा शिक्षकों एवं छात्रों में भ्रांतियां फैलाने को लेकर 11 दिन से आमरण अनशन कर रहे थे। अचानक तबीयत खराब होने के कारण प्रशासन द्वारा गोरखपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। समाजवादी शिक्षक सभा के शिक्षकों ने पहुंचकर डा. मल्ल से मिलकर हालचाल जाना एवं समस्याओं से अवगत हुआ तथा आश्वासन दिया कि आपकी लड़ाई में समाजवादी शिक्षक सभा आपके साथ रहेगा। डा. मल्ल ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि पूर्णिया में पूर्व कुलपति प्रो. राजेश सिंह के विरुद्ध जांच संस्थित है, फिर इनको डीडीयू विश्वविद्यालय गोरखपुर का कुलपति क्यों और किसने बनाया? मंडलायुक्त, जिलाधिकारी समेत समस्त प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही महामहिम कुलाधिपति/गवर्नर को अनेक प्रार्थना पत्र प्रेषित किया गया परंतु मेरे एक भी पत्र का कोई जवाब नहीं मिला।
फिलहाल डा. मल्ल के गंभीर हालत के दृष्टिगत मानदेय शिक्षक संघ गोरखपुर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डा. दुर्गा प्रसाद यादव, राजीव गांधी स्टडी सर्किल गोरखपुर के समन्वयक डा. प्रमोद शुक्ला, डीडीयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अमन यादव, डा. सीपी गुप्ता, डा. रविंद्र पीएस, डा. अमर सिंह, देवेंद्र प्रताप सिंह, मारकंडेय सिंह, रणविजय मल्ल, विमलेश सिंह, जय प्रकाश मल्ल, टीपी सिंह, यशवंत सिंह, आनंद सिंह, मनोज सिंह, धीरज यादव, सुधीर सिंह, दिलीप सिंह, मनोज सिंह, अखिलेश सिंह, प्रकांत सिंह, डा. पुष्पेंद्र सिंह समेत कमलकांत राव, मनदीप राय, प्रशांत मौर्य, सुधीर मद्धेशिया, पप्पू गुप्ता, शंभूनाथ वर्मा, कृतिका सिंह आदि शोधार्थियों ने भी अपना समर्थन दिया।