सावन के अंतिम सोमवार को भक्तों ने किया शिव की आराधना
सावन के अंतिम सोमवार को भक्तों ने किया शिव की आराधना
रंजीत सिंह
जालौन। भगवान शिव के प्रिय मास सावन के अंतिम सोमवार को महादेव के भक्तों ने जहां शिवमंदिरों पर जल और दूध चढ़ाया। वहीं कुछ भक्तों ने भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी किया। इस दौरान नगर में हर हर महादेव के जयकारे गुंजायमान रहे।
इस संसार के रक्षक भगवान शिव को सावन मास अतिप्रिय है। सावन माह में भी सोमवार का विशेष महत्व है। यही कारण है कि माना जाता है सावन माह में खासकर सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सर्वफलों की प्राप्ति होती है क्योंकि सोमवार को साक्षात शिव का प्रतीक माना जाता है।
नगर व ग्रामीण क्षेत्र में सावन माह का अंतिम सोमवार भगवान महाकाल के भक्तों द्वारा विशेष पूजा अर्चना कर मनाया गया। शिव भक्तों ने ब्रह्ममुहूर्त में ही भगवान शिव के मंदिरों पर पहुंचकर उनका जल व दूध से अभिषेक किया। इसके अलावा शिवभक्तों ने भगवान शिव को पान, धतूरा, बेलपत्र आदि भी चढ़ाए। महिलाओं और युवतियों ने भगवान शिव का व्रत रखा। इस दौरान नगर के नर्मदेश्वर मंदिर, कोतवाली रोड स्थित रक्षिकेश्वर मंदिर, सीएचसी स्थित शिव मंदिर समेत नगर व ग्रामीण क्षेत्र में दिन भर शिवभक्तों का तांता लगा रहा। सभी मंदिरों में हर हर महादेव के जयकारे गुंजायमान होते रहे। मोहल्ला नारोभास्कर में विपुल दीक्षित के आवास पर शिवलिंग का निर्माण कर भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया गया। इस संदर्भ में पंडित अरविंद बाजपेई ने बताया कि सावन के चौथे और अंतिम सोमवार पर कुछ अद्भुत संयोग भी बने हैं। जिससे इस दिन का और भी महत्व बढ़ गया। सावन के अंतिम सोमवार पर शिव की आरााना और व्रत करने से समस्त समस्याआें से छुटकारा मिलता है। व्रत रखकर एवं पार्थिक शिवलिंग का निर्माण कर उसका रुद्राभिषेक, महाभिषेक और जलाभिषेक करने पर शिव प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। इससे वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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