अयोध्या में आचार संहिता प्रभावी, अटका श्रीराम एयरपोर्ट का शिलान्यास
एयरपोर्ट निर्माण की मिल चुकी पर्यावरणीय स्वीकृति
शासन से भूमि देने की अभी अधिसूचना का इंतजार
राजेश श्रीवास्तव
अयोध्या। विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ प्रभावी आचार संहिता से बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय श्रीराम एयरपोर्ट का शिलान्यास अटक गया। चुनाव की घोषणा से पहले एयरपोर्ट के शिलान्यास की चर्चा दिसंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू जरूर हुई लेकिन विधानसभा चुनाव की घोषणा के पहले उसे जमीन पर नहीं उतारा जा सका। एयरपोर्ट को छोड़ अन्य प्रमुख परियोजनाओं में 84 कोसी परिक्रमा मार्ग व रिंगरोड का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी छह जनवरी को कर चुके हैं।
लखनऊ-अयोध्या रेलवे प्रखंड के प्रस्तावित 6 ओवरब्रिज का शिलान्यास विधानसभा चुनाव की घोषणा से 24 घंटे पहले गुरुवार को सांसद लल्लू सिंह कर चुके हैं। शिलान्यास न होने के बड़े कारणों में अभी तक जमीन एयरपोर्ट के नाम न होने को माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीराम एयरपोर्ट को भूमि देने को मंजूरी अपनी कैबिनेट में दिला चुके हैं। शासन से अभी उसकी अधिसूचना जारी होनी है। अधिसूचना जारी होने के बाद क्रय की गई भूमि एयरपोर्ट के लिए विधिक तौर पर सुरक्षित हो जाएगी। अगले सप्ताह इसके जारी होने की संभावना है। एयरपोर्ट निर्माण के लिए उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। एयरपोर्ट रनवे व भवन निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथारिटी टेंडर स्वीकृत कर चुकी है।
विशाल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बेंगलुरू को रनवे एवं भवन निर्माण का टेंडर एसके इंट्रीगेटड कंपनी-नई दिल्ली को मिला है। दो चरणों में एयरपोर्ट का विकास प्रस्तावित है। लगभग 600 एकड़ भूमि एयरपोर्ट के विकास के लिए जरूरी है। 182 एकड़ भूमि हवाई पट्टी के नाम पहले से है। 446 एकड़ भूमि में 403 एकड़ भूमि किसानों से खरीदी जा चुकी है। टेंडर स्वीकृत होने के बाद एयरपोर्ट विकास का कार्य शुरू हो चुका है। कार्य शुरू होने से पहले दो एजीएम की तैनाती भी एयरपोर्ट अथारिटी कर चुका है। एयरपोर्ट निदेशक लालजी की तैनाती को करीब सात माह से अधिक होने को हैं।
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