सुबे के मुखिया की साख पर बट्टा लगवाने का काम कर रहा सीएमओ ऑफिस
सुबे के मुखिया की साख पर बट्टा लगवाने का काम कर रहा सीएमओ ऑफिस
एसीएमओ डा. अरविंद की छत्रछाया में फल फूल रहे अवैध नर्सिंग होम
मानक विहीन फिनिक्स हॉस्पिटल पर कब होगी कार्यवाही?
यमराज के यहां भेजने का काम कर रहा फिनिक्स हॉस्पिटल
बीते कुछ महीनों में हो चुकी हैं कई मौतें
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। योगी सरकार वर्जन 2.0 में स्वास्थ्य व्यवस्था की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के हवाले की गई। साथ ही विभाग का कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के द्वारा ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। औचक निरीक्षण किए गए स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं।
मगर रायबरेली की बात की जाए तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह की कार्यशैली और अस्पतालों के नोडल अधिकारी डॉ अरविंद सूबे के मुखिया महंत योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के सपनों पर कालिख पोतने का काम कर रहे हैं। जिस हिसाब से शहर में अस्पताल और नर्सिंग होम बिना किसी मानक के खोले जा रहे हैं। जिनकी वजह से आए दिन मानक विहीन अस्पताल और नर्सिंग होम के अंदर मौतों के आंकड़े बढ़ रहे हैं। वह सरकार की छवि धूमिल करने का काम कर रहा हैं।
कई मौतों के बाद भी फिनिक्स हॉस्पिटल पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही?
जनपद में इस समय परचून की दुकान की तरह मानक विहीन अस्पताल खुल रहे है जिनका मुख्य उद्देश्य केवल रुपए कमाना ही है। उन्हें इससे मतलब नहीं है कि आए हुए व्यक्ति का इलाज सुचारू रूप से किया जाए, उन्हें मतलब है अपने रुपए से जिसका जीता जागता उदाहरण नेहरू नगर में स्थित फिनिक्स हॉस्पिटल है जिसका विवादों से पुराना नाता है। इस अस्पताल में कभी गर्भवती महिला की मौत तो कभी मासूम बालक की मौत हो जाना बिल्कुल आम बात सी हो गई है।
ऐसा ही एक मामला दीपावली जैसे त्योहार के दिन भी सामने आया है जिसमें एक मासूम ने फिर से दम तोड़ दिया है और खुशियां मनाने वाले त्यौहार के दिन उस परिवार में मातम मन गया। परिजनों ने अस्पताल संचालकों पर आरोप लगाया है कि सही ट्रीटमेंट न होने की वजह से हमारे बच्चे की मौत हो गई है जिसके बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। यह तो एक बानगी मात्र है ऐसे दर्जनों मामले फिनिक्स हॉस्पिटल के सामने आए लेकिन उच्चाधिकारियों का कार्यवाही न करना या यूँ कहे अधिकारियों के संरक्षण में चलने की वजह से यह अस्पताल हमेशा बरी हो गया और इस हॉस्पिटल में मौतों के सिलसिले रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
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