ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों ने सीखा जीवन कौशल अवेकनिंग स्पेशल
ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों ने सीखा जीवन कौशल अवेकनिंग स्पेशल
हाईस्कूल एवं इण्टर के 40 विद्यार्थियों व 5 शिक्षकों ने किया प्रतिभाग
अतुल राय
वाराणसी। विगत एक माह से चल रहा ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों ने भारतीय दर्शन एवं जीवन कौशल का महत्व समझा। मंगलवार को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ। इस कार्यक्रम का मूल विषय ‘भारतीय दर्शन का आधुनिक समय में क्रियान्वयन’ रहा।
इस ऑनलाइन प्रशिक्षण में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के 40 विद्यार्थियों एवं 5 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इस प्रशिक्षण के मुख्य प्रशिक्षक जिअर्डिनो डी मेजोरोम,इटली में कार्यरत लुका रूद्र विंसेन्जीनी रहे। उन्होंने इस ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को भारतीय दर्शन तथा आधुनिक विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया। प्रतिभागी विद्यार्थियों के लिए यह जानना बहुत ही दिलचस्प रहा कि हमारे ऋषियों और संतो को कितना गहरा और उन्नत ज्ञान था, जिन्होंने हजारों वर्ष पहले ही ठीक वही बातें बताई जो आधुनिक वैज्ञानिक अपने अनुसंधान के माध्यम से आज कह रहे हैं।
इस प्रशिक्षण के माध्यम से विद्यार्थियों को जीवन जीने का कौशल सिखाया गया। इसके अंतर्गत भारतीय दर्शन का इतिहास, स्व.जागरूकता, पारस्परिक संबंध, भावना प्रबंधन, तनाव प्रबंधन, समस्या समाधान, सृजनात्मक चिंतन, शरीर, मन व मस्तिष्क के परस्पर संबंध आदि विषयों के बारे में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तारा मंदिर सारनाथ के प्रभारी भिक्षु टाशी ढ्यूंदुप भूटिया ने कहा कि भारत एक महान राष्ट्र है।
यहां की प्राचीन शिक्षा आज भी आधुनिक जीवन शैली को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अतः इस प्रोजेक्ट के द्वारा इस तरह का कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अवनीश मिश्र ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण स्वस्थ, सार्थक एवं गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने में सहयोग प्रदान करते हैं। यह विद्यार्थियों को विपरीत परिस्थितियों की चुनौतियों का सामना करने की कुशलता देते हैं। अपनी समृद्ध संस्कृति को जानना हम सबके लिए आवश्यक है। इस दिशा में यह विद्यालय समय-समय पर इस प्रकार के आयोजन करता रहता है।
कार्यक्रम के संयोजक सुधाकर प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। विद्यार्थियों ने अपने अनुभवों को बताते हुए मुख्य प्रशिक्षक लुका रूद्र तथा कार्यक्रम के आयोजक संस्था एलिस प्रोजेक्ट के संस्थापक वेलेन्तीनो जिआकोमिन के प्रति अपना आभार प्रस्तुत किया। इसके उपरांत सभी विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण–पत्र वितरित किया गया।
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